Thursday, 16 November 2017

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों को जानें।

किसी राज्य द्वारा व्यक्तियों या विविध संस्था से जो अधिभार या धन लिया जाता है उसे कर या टैक्सकहते हैं। राष्ट्र के अधीन आने वाली विविध संस्थाएँ भी तरह-तरह के कर लगातीं हैं। ... कर दो तरह के हो सकते हैं - प्रत्यक्ष कर (direct tax) या अप्रत्यक्ष कर (indirect tax)।
प्रत्यक्ष (Direct) और अप्रत्यक्ष करों (Indirect tax) में सरकार द्वारा लगाए गए विभिन्न प्रकार के कर शामिल होते हैं | प्रत्यक्ष करों (Direct tax) में शामिल करों को किसी दूसरे व्यक्ति को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है, उदाहरण के लिए आयकर एक व्यक्ति द्वारा सीधे सरकार को भुगतान किया जाता है | इस मामले में, टैक्स का बोझ हर उस व्यक्ति पर स्पष्ट रूप से आता है जो कर योग्य आय अर्जित करता है और वह इसे दूसरों को स्थानांतरित नहीं कर सकता है |
अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax), दूसरी तरह का कर हैं जिसे किसी अन्य व्यक्ति को स्थानांतरित किया जा सकता है | उदाहरण के लिए Value Added Tax (VAT) जो वस्तु और सेवाओं के मूल्य के साथ शामिल होता है जिन्हें आप दूसरों से खरीदते हैं | प्रारंभिक कर निर्माता या सेवा प्रदाता पर लगाया जाता है, जो फिर उपभोक्ताओं पर उच्च मूल्यों के रूप में स्थानांतरित हो जाता है |
       दोनों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर सरकारी राजस्व के महत्वपूर्ण घटक हैं और परिणामस्वरूप देश की अर्थव्यवस्था इन्हीं घटकों पर निर्भर करती है | Goods and Services Tax (GST) bill के लागू होने से अप्रत्यक्ष करों में भिन्नता भविष्य में कम हो जाएगी |

Direct Tax & Indirect Tax के प्रकार :-

Direct Tax पूरी तरह से करदाता (taxpayer) द्वारा सरकार को भुगतान किया जाता है | इस कर को इस रूप में भी परिभाषित किया जा सकता है जिसमें उसी व्यक्ति को उस कर का भुगतान करना होता है जिस पर वह लगाया जाता है | करों के प्रकार के अनुसार प्रत्यक्ष करों (Direct taxes) को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा एकत्र किया जाता है | प्रत्यक्ष कर में शामिल हैं :
Income Tax : आयकर विभाग द्वारा परिभाषित टैक्स ब्रैकेट के अनुसार इस कर का भुगतान उसी व्यक्ति द्वारा किया जाएगा जिस पर यह लगाया जाता है |

Corporate Tax : कंपनियों और निगमों के मुनाफे पर लगाया जाता है |

Wealth Tax : किसी व्यक्ति की संपत्ति के मूल्य पर लगाया जाता है |

Estate Tax : विरासत के मामले में किसी व्यक्ति पर लगाया जाता है |

Gift Tax : कर योग्य उपहार प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर लगाया जाता है |

Fringe Benefit Tax: यह कर नियोक्ता पर लगाया जाता है जो कर्मचारियों को फ्रिंज लाभ प्रदान करता है, और यह कर राज्य सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है |
अप्रत्यक्ष कर (Indirect tax) को इस रूप में भी परिभाषित किया जा सकता है कि इस कर का भुगतान करने का दायित्व उस व्यक्ति पर पड़ता है जिसने किसी अन्य व्यक्ति से वस्तु और सेवाओं के मूल्य के साथ लिया है |अप्रत्यक्ष कर में शामिल हैं :

Excise Duty : निर्माता (manufacturer) द्वारा देय होता है जो retailers और wholesalers को स्थानांतरित हो जाता है |

Sales Tax : एक shopkeeper या retailer द्वारा देय होता है जो customer को स्थानांतरित हो जाता है |

Custom Duty : वस्तु के देश से बाहर जाने पर आयात शुल्क, अंततः consumers और retailers द्वारा भुगतान किया जाता है |

Entertainment Tax : सिनेमा मालिकों द्वारा देय होता है जो cinema goers को स्थानांतरित हो जाता है |

Service Tax : उपभोक्ताओं को दी गई सेवाओं पर शुल्क लिया गया |

Direct & Indirect Tax के बीच मुख्य अंतर :-

प्रत्यक्ष कर (Direct tax) व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF), फर्मों, कंपनियों आदि पर लगाया जाता है और भुगतान किया जाता है |जबकि अप्रत्यक्ष कर (Indirect tax) का भुगतान अंततः वस्तु और सेवाओं के अंतिम उपभोक्ता द्वारा किया जाता है |

प्रत्यक्ष कर (Direct tax) के मामले में कर का बोझ स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है, जबकि अप्रत्यक्ष कर (Indirect tax) के मामले में कर का बोझ स्थानांतरित किया जा सकता है |

प्रत्यक्ष करों (Direct tax) के संग्रह में कर चोरी संभव है जबकि अप्रत्यक्ष करों (Indirect tax) को चोरी नहीं किया जा सकता क्योंकि यह वस्तु और सेवाओं पर लगाया जाता है |

प्रत्यक्ष कर (Direct tax) inflation को कम करने में मदद करता है, जबकि अप्रत्यक्ष कर (Indirect tax) महंगाई को बढ़ा सकता है |

प्रत्यक्ष करों (Direct tax) पर अप्रत्यक्ष करों (Indirect tax) के मुकाबले बेहतर आबंटित प्रभाव है जबकि प्रत्यक्ष करों (Direct tax) में कर संग्रह अप्रत्यक्ष करों (Indirect tax) की तुलना में आसान है |
प्रत्यक्ष करों (Direct tax) से असमानताओं को कम करने में मदद मिलती है इसलिए इन्हें प्रगतिशील माना जाता है जबकि अप्रत्यक्ष करों (Indirect tax) में असमानताएं बढ़ जाती हैं इसलिए इन्हें प्रतिगामी माना जाता है |

सुविधाजनक और स्थिर संग्रह के कारण अप्रत्यक्ष करों (Indirect tax) में कम प्रशासनिक लागतें शामिल हैं जबकि प्रत्यक्ष करों (Direct tax) में उच्च प्रशासनिक लागतें शामिल हैं |

अप्रत्यक्ष कर (Indirect tax) विकास के प्रति अधिक उन्मुख होते हैं क्योंकि वे उपभोग को हतोत्साहित करते हैं और बचत बढ़ाने में मदद करते हैं जबकि प्रत्यक्ष कर (Direct tax) बचत को कम कर और निवेश को हतोत्साहित करते हैं |

अप्रत्यक्ष करों (Indirect tax) में व्यापक क्षेत्र शामिल होते है क्योंकि समाज के सभी सदस्य वस्तु और सेवाओं की बिक्री के माध्यम से इस कर का भुगतान करते हैं जबकि प्रत्यक्ष कर (Direct tax)केवल संबंधित कर ब्रैकेट के लोगों से एकत्र किए जाते हैं |

Additional indirect taxes सिगरेट, शराब आदि हानिकारक वस्तुओं पर लगाया जाता है जिससे देश को एक सामाजिक संदर्भ में मदद मिलती है |


Monday, 2 October 2017

Swachh Vidyalaya Puraskar 2017

How to Apply ?
The Swachh Vidyalaya Puraskar is instituted by the Ministry of Human Resource Development, Government of India to recognize, inspire and celebrate excellence in sanitation and hygiene practice in Schools. The explicit purpose of the awards is to honor schools that have undertaken significant steps towards fulfilling the mandate of the Swachh Vidyalaya Campaign. The Swachh Vidyalaya Puraskar is instituted by the Ministry of Human Resource Development, Government of India to recognize, inspire and celebrate excellence in sanitation and hygiene practice in Schools. The explicit purpose of the awards is to honor schools that have undertaken significant steps towards fulfilling the mandate of the Swachh Vidyalaya Campaign.  The Ministry of Human Resource Development, Government of India launched ‘Swachh Bharat Swachh Vidyalaya’ (SBSV) initiative in 2014 to ensure that all schools in India have access to separate functional toilets for boys and girls. The initiative also has its emphasis on promoting safe and appropriate hygiene practices in schools and behavior among children.
Swachh Bharat Swachh Vidyalaya : A National Mission
The Swachh Vidyalaya Puraskar was instituted by the Ministry of Human Resource Development, Government of India in 2016 to recognize, inspire and celebrate excellence in sanitation and hygiene practice in schools. The explicit purpose of the awards is to honour schools that have undertaken significant steps towards fulfilling the mandate of the Swachh Vidyalaya Campaig.

Objective: To recognise, inspire and celebrate excellence in sanitation, water and hygiene practice in schools and to sustain good practices. Its explicit purpose is to honor schools that have undertaken significant steps towards fulfilling the mandate of Swachh Vidyalaya Campaign.

Methodology: School Headmasters shall self-nominate themselves based on an online questionnaire available on the official website of MHRD or through Swachh Vidyalaya Puraskar mobile app
Steps to Access Information of Swachh Vidyalaya Puraskar 2017-18
1. All schools are invited to apply for the awards.Registration opens from 1st September 2017 and closes on 31st October 2017.
2. The registration of schools would be done with the U-DISE code of the school. If you do not have a UDISE-Code, download the Data Capture Format (DCF) and submit at Block / District / State level office to generate the U-DISE Code.
3. Schools will first complete the Primary Information section in the prescribed format. Upon submission, a "Password" will be send to the mobile number given by the school in the primary information section. Schools will then login with the U-DISE code and Password to complete the rest of the six sections of the survey.
How to Apply for Swachh Vidyalaya Puraskar & Mobile App Download:
Option A : Download Mobile App (playstore/ istore) OR Give a Missed Call to 07097298093 to get App Links on your mobile
Option B : Fill Online Survey
Option C : Download Survey Format ,fill it and seek assistance to complete survey using option A or option B
Please read Instructions for filling the survey
#Download Intructions
1) HOW TO REGISTER OUR SCHOOL?
a. Please give a missed call on   07097298093 to receive links for mobile app and website. Mobile app is also available on Google Play Store and Apple App Store (and other App Marketplaces)
b. Download the mobile app and read instructions on how to register and fill survey
c. Please visit website and see the PPT titled "Instructions for Participating in the Survey" available on the website and you can also apply online.
d. You can also download hardcopy of the survey available on the ' apply' page of the website and approach district education officer or anyone who is comfortable with technology to help you register and complete the survey online/ using mobile app

The process for identifying and recognizing schools for awards is as below:
I. Schools will register and submit information as per the prescribed format (Annexure 1) made available
online (http://mhrd.gov.in Swachh Vidyalaya Swachh Vidyalaya Puraskar) or by downloading a
mobile app, Swachh Vidyalaya Puraskar. The mobile app can be downloaded from Google Play Store or byvgiving a missed call @ 07097298400. The registration of schools would be done with the U-DISE code of the school.
II. The website/mobile app is customized to cater to different categories of schools.
III. Schools are expected to provide accurate information as required in the format.
IV. The information in the format corresponds to the requirements in Swachh Vidyalaya guidelines. Annexure 2 provides the list of indicators categorized under (a) Water (b) Toilets (c) Handwashing (d) Operations and Maintenance (e) Behavior Change and Capacity building.
V. Maximum weightage assigned for each of the categories is given in  Table 1: Weightage Assigned to Swachh Vidyalaya Sub-categories

I. The performance of the schools against categories will be scored as per the method given in Annexure 3.
II. On the basis of the scores obtained, the schools would be given a rating as described in Table 2: School Rating Scheme

Eligibility: The awards would be open to all Government schools in both rural & urban areas.

The performance of the schools will be evaluated under the following categories:
  1.   Water
  2.   Toilets
  3.   Handwashing with Soap
  4.   Operations and Maintenance
  5.   Behavior Change and Capacity Building.
The performance of the schools against the categories will be scored and schools would be given a rating as below

Score
Rating
Remarks
90% - 100% of the Norms
Green/*****
Excellent Keep it up!!
75%- 89% adherence to the Norms
Blue/****
Very good ;
51% - 74% adherence to the Norms
Yellow/***
Good ; but there is a scope for improvement
35% - 50% adherence to Norms
Orange/**
Fair ; needs improvement
Below 35% adherence to the Norms
Red/*
Poor ; needs considerable improvement
* Each school should score a minimum of orange rating in each of the Sub-categories in order to be eligible for any award.The awards are categorized at the District Level, State/UT Level and National Level.


Sushil Dobhal. PGT Economics, Govt. Inter College Jakhnidhar Tehri Garhwal.




Monday, 11 September 2017

मतदाता जागरूकता अभियान, राजकीय इंटर कालेज जाखनीधार टिहरी गढ़वाल.


     हम साल के पहले महीने में हैं और सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय घटनाओं में से एक जो है वह है हमारा गणतंत्र दिवस। लेकिन एक और महत्वपूर्ण दिन इसी महीनेमें आता है, जो है राष्ट्रीय मतदाता दिवस। यह भारतीय लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन का उद्देश युवा भारतीय मतदाताओं को लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है। भारत सरकार ने २०११ साल से हर साल २५ जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस​​के रूप में मनाने का फैसला किया।
२५ जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है क्योंकि २५ जनवरी १९५० को, हम गणतंत्र राष्ट्र बनने के एक दिन पहले; चुनाव आयोग की स्थापना हुई थी। हम २०११ से यह दिन मना रहें है| राष्ट्रीय मतदाता दिवस का विचार एक आम वोटर कैप्टन चाँद ने साल २०१० में दिया था। चुनाव आयोग ने सुझाव स्वीकार किया और इसमें सुधार करके २५ जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस शुरू किया| २०११ में यह पहिली बार मनाया गया, इस साल हम ८ वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनायेंगे| पहले मतदाता की पात्रता आयु २१ वर्ष थी, लेकिन १९८८ में इसे १८ साल तक घटा दिया गया था। इस बदलाव को शामिल किया गया क्योंकि दुनिया भर के कई देशों ने आधिकारिक मतदान उम्र के रूप में १८ वर्षकी सिमा को अपनाया था। उसी समय भारतीय युवा साक्षर और राजनैतिक रूप से जागरूक हो रहा था। ६१वे विधेयक संशोधन, १९९८ ने भारत में मतदाता की पात्रता उम्र कम कर दिया।
भारत की ५०% से अधिक आबादी ३५ साल के उम्र के निचे की है और इसका एक बड़ा हिस्सा १८ साल का पड़ाव पार कर रहा है। उन्हें जागरूक करना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें अपने अधिकारों और दायित्वों का एहसास कराना बहुत जरूरी है| इस तरह से हम लोकतंत्र में लोगों की भागीदारी बढ़ा सकतें है।पीएम नरेंद्र मोदी के मान की बातरेडियो प्रसारण पर २०१८ के नए साल का भाषण हुआ| भाषण में उन्होंने नए पात्र मतदाताओं का स्वागत किया, जो १ जनवरी को १८ साल के हो गए। उन्होंने उन्हें न्यू इंडिया वोटर्सकहा और उन्हें पंजीकृत होने के लिए आग्रह किया| उन्होंने यह भी कहा, “इस शताब्दी के मतदाता के रूप में, आपको भी गर्व महसूस करना चाहिए। आपका वोट नए भारत का आधार साबित होगा| वोट की शक्ति लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है| लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए मतदान सबसे प्रभावी उपकरण है…… ”
राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह पूरे भारत में ७ लाख से अधिक स्थानों पर मनाया जाता है। हर साल पात्र मतदाता प्रतिज्ञा लेते हैं, फोटो मतदाता पहचान पत्र प्राप्त करते हैं और उन्हें एक पुस्तिका दी जाती है जो उन्हें अपने अधिकार और दायित्वों पर जानकारी देती है|
ऐसे दिनों का जश्न मनाना बहुत महत्वपूर्ण है, इससे देश में लोकतंत्र की ताकद और लोगों का राष्ट्र निर्माण में योगदान बढ़ेगा।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
युवा, पात्र भारतीय मतदाताओं को लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रक्रिया में सक्रिय भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। यह २५ जनवरी २०११ से हर
 साल मनाया जाता है|
https://teenatheart.com











Monday, 28 August 2017

बाल वैज्ञानिकों के लिए वरदान है इंस्पायर्ड अवार्ड योजना


इन्‍नोवेशन इन सायंस परस्‍यूइट फॉर इन्‍सपायर्ड रि‍सर्च (इन्‍सपायर) वि‍ज्ञान और प्रौद्योगि‍की मंत्रालय द्वारा कार्यान्‍वि‍त एक राष्‍ट्रीय कार्यक्रम है जो छात्रों के बीच मौजूद प्रति‍भा को वि‍ज्ञान के अध्‍ययन के लि‍ए और अनुसंधान कार्य में कैरि‍यर नि‍र्माण के लि‍ए आकर्षि‍त करता है।
इस कार्यक्रम के तीन घटक हैं -
  •   वि‍ज्ञान की ओर प्रति‍भाओं की शुरूआती आकर्षण योजना (एसईएटीएस), के दो उप-घटक हैं- 10000 रुपये का इन्‍सपायर पुरस्‍कार और कि‍सी वि‍ज्ञान शि‍वि‍र में वैश्‍वि‍क वि‍ज्ञान अग्रणि‍यों के माध्‍यम से मेंटरशि‍प।
  •   बी.एससी और एम.एससी स्‍तरों पर नि‍रंतर शि‍क्षा के लि‍ए 80,000 रुपये की दर से उच्‍चतर शि‍क्षा छात्रवृत्‍ति‍(एसएचई)।
  • युवा अनुसंधानकर्ताओं के लि‍ए अनुसंधान कैरि‍यर हेतु आश्‍वस्‍त अवसर (एओआरसी) के भी दो उप-घटक हैं- इन्‍सपायर फेलोशि‍प और इन्‍सपायर संकाय।
            योजना के पहले घटक- इन्‍सपायर पुरस्‍कार का कार्यान्‍वयन राज्‍यों/केन्‍द्रशासि‍त प्रदेशों के माध्‍यम से केन्‍द्रीय स्‍तर पर कि‍या जा रहा है। योजना के अन्‍य घटक का क्रि‍यान्‍वयन संबंधि‍त शैक्षि‍क/अनुसंधान संस्‍थानों और वि‍श्‍ववि‍द्यालयों आदि‍के माध्‍यम से वि‍ज्ञान और प्रौद्योगि‍की वि‍भाग द्वारा केन्‍द्रीय स्‍तर पर कि‍या जा रहा है।   इन्‍सपायर पुरस्‍कार योजना का उद्देश्‍य 10-15 वर्ष के उम्र समूह छात्रों को वि‍ज्ञान के क्षेत्र में आकर्षि‍त करने और कैरि‍यर बनाने तथा अभि‍नवता का अनुभव करने के लि‍ए उन्‍हें सुवि‍धा प्रदान करना है।
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, श्री एस पी सेमवाल, बाल वैज्ञानिकों को प्रेरित करते हुए.
मुख्‍य वि‍शेषताएं :
       योजना के अधीन 11वीं पंचवर्षीय योजना की मंजूरी के अनुसार पंचवर्षीय योजना अवधि‍ के दौरान 5000 हजार रुपये के इन्‍सपायर पुरस्‍कार के लि‍ए देश के प्रत्‍येक वि‍द्यालय से दो छात्रों (छठी से लेकर 10वीं कक्षा तक) का चयन कि‍या जाता है, ताकि‍ वे वि‍ज्ञान के प्रोजेक्‍ट/मॉडल तैयार कर सकें। इन्‍सपायर पुरस्‍कार के लि‍ए वारंट सीधे तौर पर चयनि‍त छात्र के नाम से जारी कि‍या जाता है और राज्‍य/स्‍कूल के अधि‍कारि‍यों के माध्‍यम से उनके पास भेजा जाता है।
मुख्य शिक्षा अधिकारी टिहरी गढ़वाल का कार्यक्रम में बैच अलंकरण करते हुए.
           योजना के अधीन सभी पुरस्‍कार प्राप्‍तकर्ताओं के लि‍ए जि‍ला स्‍तरीय प्रदर्शनी और प्रोजेक्‍ट प्रति‍योगि‍ता (डीएलईपीसी) में भाग लेना जरूरी होता है। जि‍ले से आई 5 से 10 प्रति‍शत सर्वश्रेष्‍ठ प्रवि‍ष्‍टि‍यों का चयन राज्‍य स्‍तरीय प्रदर्शनि‍यों और प्रोजेक्‍ट प्रति‍योगि‍ता (एसएलईपीसी) में भाग लेने के लि‍ए कि‍या जाता है। राज्‍य/केन्‍द्रशासि‍त प्रदेश से आई सर्वश्रेष्‍ठ 5 प्रति‍शत प्रवि‍ष्‍टि‍यों (कम से कम पांच) का चयन राष्‍ट्रीय स्‍तर की प्रदर्शनी और प्रोजेक्‍ट प्रति‍योगि‍ता (एनएलईपीसी) में भागीदारी के लि‍ए कि‍या जाता है। सभी स्‍तरों पर परि‍योजनाओं का मूल्‍यांकन वि‍शेषज्ञों की एक नि‍र्णायक समि‍ति‍द्वारा कि‍या जाता है। डीएलईपीसी, एसएलईपीसी और एनएलईपीसी के चयनि‍त पुरस्‍कार प्राप्‍तकर्ताओं के साथ ही प्रोजेक्‍ट की तैयारी के लि‍ए मार्गदर्शन देने वाले मेंटर/शि‍क्षक के लि‍ए भागीदारी/मेधावि‍ता प्रमाणपत्र जारी कि‍ए जाते हैं। जि‍ला, राज्‍य और राष्‍ट्रीय स्‍तर पर प्रदर्शनि‍यां आयोजि‍त करने पर आने वाली पूरी लागत का वहन वि‍ज्ञान और प्रौद्योगि‍की वि‍भाग द्वारा कि‍या जाता है।  इन्‍सपायर पुरस्‍कार प्राप्‍तकर्ताओं के लि‍ए छात्रों का चयन प्रत्‍येक स्‍कूल के प्रधानाध्‍यापक/प्रधानाध्‍यापि‍का/प्रधानाचार्य द्वारा कि‍या जाता है, जि‍नके लि‍ए वि‍ज्ञान में रुचि‍रखने वाले सर्वश्रेष्‍ठ छात्र का नामांकन भेजना और इसके साथ ही नामांकन और चयन के लि‍ए स्‍कूल द्वारा नि‍र्धारि‍त शर्तों का भी वि‍वरण भेजना जरूरी है। जि‍ला स्‍तर पर शि‍क्षा अधि‍कारी वि‍हि‍त प्रारूप्‍में अपने क्षेत्राधि‍कार के वि‍द्यालयों का वि‍वरण तैयार करते हैं और राज्‍य स्‍तर पर शि‍क्षा अधि‍कारि‍यों के माध्‍यम से प्रस्‍ताव डीएसटी के पास भेजते है
मुख्य शिक्षा अधिकारी, टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड - श्री डी.सी. गौड़
      छठी कक्षा से लेकर 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई करने वाले देश के सभी स्‍कूल चाहे वह सरकारी अथवा नि‍जी हों, अनुदानप्राप्‍त हो अथवा बि‍ना अनुदान हों, चाहे वे केन्‍द्र सरकार अथवा राज्‍य सरकार अथवा स्‍थानीय नि‍कायों द्वारा संचालि‍त हों, इस योजना में भागीदारी के लि‍ए पात्र हैं।
      राज्‍य के अधि‍कारि‍यों से इस प्रकार प्राप्‍त कि‍ए गए प्रस्‍तावों के लि‍ए योजना के मानकों के अनुसार डीएसटी में प्रक्रि‍या संचालि‍त की जाती है और चयनि‍त छात्रों के नाम से पुरस्‍कार वारंटों को तैयार करने के लि‍ए डीएसटी के बैंकर के पास चयनि‍त छात्रों की सूची भेज दी जाती है। बैंक से इस प्रकार प्राप्‍त पुरस्‍कार वारंटों को जि‍ला स्‍तरीय शि‍क्षा अधि‍कारि‍यों के माध्‍यम से चयनि‍त पुरस्‍कार प्राप्‍तकर्ताओं तक पहुंचाने के लि‍ए राज्‍यस्‍तरीय अधि‍कारि‍यों के पास भेज दि‍या जाता है।
जिला स्तरीय माडल प्रदर्शनी राजकीय बालिका इंटर कालेज नई टिहरी
कार्यान्‍वयन की मौजूदा स्‍थि‍ति‍:इस योजना में प्रति‍वर्ष दो लाख पुरस्‍कार प्राप्‍तकर्ताओं के हि‍साब से पंचवर्षीय योजना अवधि‍ के दौरान एक मि‍लि‍यन (10 लाख) छात्रों के चयन का लक्ष्‍य रखा गया है। देश में छठी से लेकर 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई कराने वाले लगभग 4.5 से लेकर पांच लाख स्‍कूल हैं। यह योजना दि‍सम्‍बर 2009 के दौरान शुरू की गयी थी। हालांकि‍ इसका कार्यान्‍वयन 2009-10 में ही शुरू हो पाया था तथा वर्ष के दौरान 1.26 लाख पुरस्‍कर मंजूर कि‍ए गए थे। इसके अलावा वर्ष 2010-11 के दौरान 2.50 लाख पुरस्‍कार मंजूर कि‍ए गए थे और अब तक 5,36,598 पुरस्‍कार मंजूर कि‍ए गए हैं और इन्‍सपायर पुरस्‍कार वारंटों के रूप में चयनि‍त छात्रों के पास 268.30 करोड़ रुपये की धनराशि‍ भेजी जा चुकी है।
           योजना की शुरूआत से लेकर डीएलईपीएससी में दो लाख से अधि‍क पुरस्‍कार प्राप्‍तकर्ताओं ने भाग लि‍या है और डीएलईपीसी के चयनि‍त लगभग 15 हजार पुरस्‍कार प्राप्‍तकर्ताओं ने एसएलईपीसी में भाग लि‍या है और 14-16 अगस्‍त, 2011 के दौरान नई दि‍ल्‍ली में आयोजि‍त अब तक के पहले एनएलईपीसी में लगभग 700 पुरस्‍कार प्राप्‍तकर्ताओं ने भाग लि‍या। इस योजना में सभी 35 राज्‍य/केन्‍द्रशासि‍त प्रदेश भाग ले रहे हैं।
      डीएलईपीसी, एसएलइ्रपीसी से संबंधि‍त व्‍यय को पूरा करने के लि‍ए इलेक्‍ट्रानि‍क फंड ट्रांसफर के माध्‍यम से राज्‍य के नॉडल अधि‍कारी के पास उनके अधि‍सूचि‍त बैंक खाते में धनराशि‍भेज दी जाती है। डीएलईपीसी/एसएलईपीसी/एनएलईपीसी से संबंधि‍त व्‍यय को पूरा करने के लि‍ए राज्‍यों/केन्‍द्रशासि‍त प्रदेशों के लि‍ए अब तक 74.52 करोड़ रुपये जारी कि‍ए जा चुके हैं।
        12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के दौरान इस योजना के जारी रहने की संभावना है। यह संभव है कि‍इसका दायरा भी बढ़ाया जा सकता है और इसके अधीन प्रति‍वर्ष प्रति‍स्‍कूल एक पुरस्‍कार को मंजूरी देने का प्रस्‍ताव सरकार के वि‍चारधीन है। यदि‍इसे मंजूरी मि‍लती है तो इसका अर्थ यह होगा कि‍पंचवर्षीय योजना अवधि‍के दौरान प्रति‍वर्ष लगभग चार लाख पुरस्‍कारों के हि‍साब से दो मि‍लि‍यन (20 लाख) पुरस्‍कार को मंजूरी मि‍लेगी, इससे देश के 4.5 से लेकर पांच लाख स्‍कूलों में से लगभग 80 से 90 प्रति‍शत स्‍कूलों की भागीदारी संभव हो सकेगी।
विकासखंड जाखणीधार टिहरी गढ़वाल के बाल वैज्ञानिक व मार्गदर्शक शिक्षक 
           यदि कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के बच्चे में वैज्ञानिक रचनात्मकता है तो सरकार उसे 30 हजार रुपये तक धनराशि दे सकती है। यह पैसा इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के अंतर्गत दिया जाएगा। जिला स्तर पर चयनित प्रतिभागियों को मॉडल बनाने को 10000 रुपये दिए जाएंगे। उसके बाद राज्य स्तर पर चयनित 10 प्रतिशत विद्यार्थियों को 20 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी।  साथ-साथ उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित नवाचारी उत्सव में शामिल होने का मौका भी मिलेगा। सम्बंधित संस्थाध्यक्ष अपने स्कूल के छात्रों का चयन कर कर ले। फिर उनका बैंक खाता विवरण, आधार संख्या, फोटो और नवाचारी मॉडल की रूपरेखा के साथ थीम अपलोड करें। इसकी विस्तृत गाइडलाइन और प्रक्रिया वेबसाइट www.inspireawards_dst.gov.in पर उपलब्ध है। अधिक जानकारी के लिए जिला समन्वयक ए एन दूवे से 7060736098 व ब्लॉक कोर्डिनेटर जाखणीधार सुशील डोभाल से 9412920543 पर संपर्क किया जा सकता है।  http://jakhnidhargic.blogspot.in/2017/08/blog-post_28.html









इस प्रकार के आइडिया अपलोड न किये जांय

         किताबों में दिए गए उदाहरण जैसे- पन बिजली परियोजना, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, खेतों एवं घरों के लिए वाटर लेवल इंडिकेटर या अलार्म, मल्टीपर्पज छाता, इको फ्रेंडली चूल्हा, जैव उर्जा, ग्रीन हाउस इफेक्ट, जैविक खाद, पत्र पेटी सूचना तंत्र, स्मार्ट विलेज, माडर्न सिक्योरिटी होम, डायनमो, सोलर इनर्जी, सोलर कूकर, बायोगैस, ट्रैफिक कंट्रोल, स्मार्ट फोन व ब्लूटूथ डिवाइस से सम्बंधित प्रोजेक्ट, हाइड्रो प्रोजेक्ट्स तथा आलू, नीबू या अन्य फलों से बिजली बनाया जाना  आदि ऐसे विचार विल्कुल न दिए जांय जिनकी खोज पूर्व में हो चुकी है. साथ ही यह भी ध्यान रखा जाय की बाजार में बिकने वाले तैयार माडल इंस्पायर आवार्ड कार्यक्रम में प्रतिबंधित हैं. मार्गदर्शक शिक्षक छात्रों को उनके ऐसे मौलिक विचारों का बाहर लाने के लिए प्रेरित करें जो  अनुसंधानात्मक विषय होने के साथ साथ समाज के लिए उपयोगी भी हो.

 अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें http://www.inspireawards-dst.gov.in/UserP/index.aspx 

विकासखंड जाखणीधार टिहरी गढ़वाल के अंतर्गत संचालित उच्च प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों की सूची जहाँ से बाल वैज्ञानिकों का इंस्पायर अवार्ड 2018-19  के लिए  नामांकन किया गया है, (20 अगस्त 2018  के अनुसार)

योजना के अंतर्गत बाल वैज्ञानिकों के नामांकन के अंतिम तिथि ३१ अगस्त 2018 तक बढ़ाई गयी है. अनेक विद्यालयों से छात्रों का नामांकन मानकों के अनुसार नहीं किया गया है, ऐसे विद्यालयों की सूची 25 अगस्त के बाद यहाँ उपलव्ध करवाई जायेगी.उपरोक्त सूची में किसी भी प्रकार के संशोधन अथवा सुझाव के लिए पोस्ट के अंत में कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट करें.

Tuesday, 1 August 2017

जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पहुंची छात्र-छात्राओं के बीच.


जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित माध्यमिक स्तर के छात्र-छात्राएं अपनी समस्या सीधे डीएम से साझा कर सकेंगे। छात्रों से बात करने के लिए डीएम ने दूरभाष नंबर 01376-234555 का शुभारंभ किया है। उन्होंने कहा कि अब छात्रों को अपनी समस्या उच्चाधिकारियों को बताने के लिए दूसरे माध्यमों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। छात्र दूरभाष पर सुबह 11 से 12 बजे तक संपर्क कर सकते हैं।












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