इस
कार्यक्रम के तीन घटक हैं -
- विज्ञान की ओर प्रतिभाओं की शुरूआती आकर्षण योजना (एसईएटीएस), के दो उप-घटक हैं- 10000 रुपये का इन्सपायर पुरस्कार और किसी विज्ञान शिविर में वैश्विक विज्ञान अग्रणियों के माध्यम से मेंटरशिप।
- बी.एससी और एम.एससी स्तरों पर निरंतर शिक्षा के लिए 80,000 रुपये की दर से उच्चतर शिक्षा छात्रवृत्ति(एसएचई)।
- युवा अनुसंधानकर्ताओं के लिए अनुसंधान कैरियर हेतु आश्वस्त अवसर (एओआरसी) के भी दो उप-घटक हैं- इन्सपायर फेलोशिप और इन्सपायर संकाय।
योजना के पहले घटक- इन्सपायर पुरस्कार का कार्यान्वयन राज्यों/केन्द्रशासित
प्रदेशों के माध्यम से केन्द्रीय स्तर पर किया जा रहा है। योजना के अन्य घटक
का क्रियान्वयन संबंधित शैक्षिक/अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों
आदिके माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा केन्द्रीय स्तर पर
किया जा रहा है। इन्सपायर पुरस्कार योजना का
उद्देश्य 10-15 वर्ष के उम्र समूह छात्रों को विज्ञान के
क्षेत्र में आकर्षित करने और कैरियर बनाने तथा अभिनवता का अनुभव करने के लिए
उन्हें सुविधा प्रदान करना है।
मुख्य विशेषताएं :
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, श्री एस पी सेमवाल, बाल वैज्ञानिकों को प्रेरित करते हुए. |
योजना के अधीन 11वीं
पंचवर्षीय योजना की मंजूरी के अनुसार पंचवर्षीय योजना अवधि के दौरान 5000 हजार रुपये के इन्सपायर पुरस्कार के लिए देश के प्रत्येक विद्यालय
से दो छात्रों (छठी से लेकर 10वीं कक्षा तक) का चयन किया
जाता है, ताकि वे विज्ञान के प्रोजेक्ट/मॉडल तैयार कर
सकें। इन्सपायर पुरस्कार के लिए वारंट सीधे तौर पर चयनित छात्र के नाम से जारी
किया जाता है और राज्य/स्कूल के अधिकारियों के माध्यम से उनके पास भेजा जाता
है।
मुख्य शिक्षा अधिकारी टिहरी गढ़वाल का कार्यक्रम में बैच अलंकरण करते हुए. |
मुख्य शिक्षा अधिकारी, टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड - श्री डी.सी. गौड़ |
राज्य
के अधिकारियों से इस प्रकार प्राप्त किए गए प्रस्तावों के लिए योजना के
मानकों के अनुसार डीएसटी में प्रक्रिया संचालित की जाती है और चयनित छात्रों के
नाम से पुरस्कार वारंटों को तैयार करने के लिए डीएसटी के बैंकर के पास चयनित
छात्रों की सूची भेज दी जाती है। बैंक से इस प्रकार प्राप्त पुरस्कार वारंटों को
जिला स्तरीय शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से चयनित पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं
तक पहुंचाने के लिए राज्यस्तरीय अधिकारियों के पास भेज दिया जाता है।
जिला स्तरीय माडल प्रदर्शनी राजकीय बालिका इंटर कालेज नई टिहरी |
योजना की शुरूआत से लेकर डीएलईपीएससी में दो लाख से
अधिक पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं ने भाग लिया है और डीएलईपीसी के चयनित लगभग 15
हजार पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं ने एसएलईपीसी में भाग लिया है और 14-16
अगस्त, 2011 के दौरान नई दिल्ली में आयोजित
अब तक के पहले एनएलईपीसी में लगभग 700 पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं
ने भाग लिया। इस योजना में सभी 35 राज्य/केन्द्रशासित
प्रदेश भाग ले रहे हैं।
डीएलईपीसी,
एसएलइ्रपीसी से संबंधित व्यय को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रानिक
फंड ट्रांसफर के माध्यम से राज्य के नॉडल अधिकारी के पास उनके अधिसूचित बैंक
खाते में धनराशिभेज दी जाती है। डीएलईपीसी/एसएलईपीसी/एनएलईपीसी से संबंधित व्यय
को पूरा करने के लिए राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए अब तक 74.52 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के दौरान इस योजना के जारी रहने की संभावना है। यह संभव है किइसका दायरा
भी बढ़ाया जा सकता है और इसके अधीन प्रतिवर्ष प्रतिस्कूल एक पुरस्कार को
मंजूरी देने का प्रस्ताव सरकार के विचारधीन है। यदिइसे मंजूरी मिलती है तो
इसका अर्थ यह होगा किपंचवर्षीय योजना अवधिके दौरान प्रतिवर्ष लगभग चार लाख पुरस्कारों
के हिसाब से दो मिलियन (20 लाख) पुरस्कार को मंजूरी मिलेगी,
इससे देश के 4.5 से लेकर पांच लाख स्कूलों
में से लगभग 80 से 90 प्रतिशत स्कूलों
की भागीदारी संभव हो सकेगी।
विकासखंड जाखणीधार टिहरी गढ़वाल के बाल वैज्ञानिक व मार्गदर्शक शिक्षक |
इस प्रकार के आइडिया अपलोड न किये जांय
किताबों में दिए गए उदाहरण जैसे- पन बिजली परियोजना, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, खेतों एवं घरों के लिए वाटर लेवल इंडिकेटर या अलार्म, मल्टीपर्पज छाता, इको फ्रेंडली चूल्हा, जैव उर्जा, ग्रीन हाउस इफेक्ट, जैविक खाद, पत्र पेटी सूचना तंत्र, स्मार्ट विलेज, माडर्न सिक्योरिटी होम, डायनमो, सोलर इनर्जी, सोलर कूकर, बायोगैस, ट्रैफिक कंट्रोल, स्मार्ट फोन व ब्लूटूथ डिवाइस से सम्बंधित प्रोजेक्ट, हाइड्रो प्रोजेक्ट्स तथा आलू, नीबू या अन्य फलों से बिजली बनाया जाना आदि ऐसे विचार विल्कुल न दिए जांय जिनकी खोज पूर्व में हो चुकी है. साथ ही यह भी ध्यान रखा जाय की बाजार में बिकने वाले तैयार माडल इंस्पायर आवार्ड कार्यक्रम में प्रतिबंधित हैं. मार्गदर्शक शिक्षक छात्रों को उनके ऐसे मौलिक विचारों का बाहर लाने के लिए प्रेरित करें जो अनुसंधानात्मक विषय होने के साथ साथ समाज के लिए उपयोगी भी हो.अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें http://www.inspireawards-dst.gov.in/UserP/index.aspx
विकासखंड जाखणीधार टिहरी गढ़वाल के अंतर्गत संचालित उच्च प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों की सूची जहाँ से बाल वैज्ञानिकों का इंस्पायर अवार्ड 2018-19 के लिए नामांकन किया गया है, (20 अगस्त 2018 के अनुसार)
योजना के अंतर्गत बाल वैज्ञानिकों के नामांकन के अंतिम तिथि ३१ अगस्त 2018 तक बढ़ाई गयी है. अनेक विद्यालयों से छात्रों का नामांकन मानकों के अनुसार नहीं किया गया है, ऐसे विद्यालयों की सूची 25 अगस्त के बाद यहाँ उपलव्ध करवाई जायेगी.उपरोक्त सूची में किसी भी प्रकार के संशोधन अथवा सुझाव के लिए पोस्ट के अंत में कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट करें.