Tuesday 27 November 2018

इन्सपायर अवार्ड में टिहरी के बाल वैज्ञानिकों ने लहराया परचम




इन्सपायर अवार्ड में टिहरी के बाल वैज्ञानिकों ने लहराया परचम।


राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार से 5 बाल वैज्ञानिकों के चयन सहित विकासखंड जाखणीधार से रिकॉर्ड बाल वैज्ञानिकों (110 से अधिक) के चयन होने पर इंस्पायर अवॉर्ड टीम से जुड़े  मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक व प्रारंभिक, खंड शिक्षा अधिकारी/उपशिक्षा अधिकारी, समस्त संस्थाध्यक्षों, मार्गदर्शक शिक्षकों, बाल वैज्ञानिक छात्रों तथा अभिभावकों को बहुत-बहुत बधाइयां।  विकासखण्ड जाखणीधार के बाल वैज्ञानिकों को डीएसटी द्वारा ₹1100000 से अधिक की धनराशि भेजी गई है। सभी चयनित बाल वैज्ञानिकों की बैंक खातों में अवॉर्ड धनराशि ₹10000 प्रति छात्र के दर से डीएसटी द्वारा ऑनलाइन प्रेषित की गई है बाल वैज्ञानिक छात्र व उनके मार्गदर्शक शिक्षक धनराशि प्राप्ति की पुष्टि कर लेवें।
पुनः शुभकामनाओं सहित हार्दिक बधाइयां
          सुशील डोभाल, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर इंस्पायर अवॉर्ड जाखणीधार, टिहरी गढ़वाल

चयनितों की सूची


*Inspire Award Manak 2018-19*
     📌       *Important Notice*       📌
समस्त School Authorities को अवगत करवाना है कि Inspire Award कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित बाल वैज्ञानिकों के बैंक खातों में अवार्ड की धनराशि 10000₹ प्रति छात्र Department of Science and technology, Govt. Of India द्वारा online प्रेषित की जा चुकी है। सम्बन्धित चयनितों के बैंक खातों में धनराशि प्राप्ति की पुष्टि कर ली जाय। कतिपय चयनित बाल वैज्ञानिकों के बैंक खातों में Bank detail validation failed होने के कारण धनराशि खातों में नही पहुंच पाई है। ऐसे प्रकरणों में School Authorities द्वारा अविलम्ब बैंक खातों का detail update किया जाना है, इस प्रक्रिया के बाद ही खाते में धनराशि पहुंच पाएगी। अधिक जानकारी के लिए हमारी ई-पत्रिका *"हिमवंत"* के लिंक पर यहां क्लिक करें।
            *Sushil Dobhal, co-ordinator Inspire Award Manak. Jakhnidhar 📌Tehri Garhwal Uttarakhand.*📌
http://jakhnidhargic.blogspot.com/2018/11/blog-post_27.html?m=2
                  Whatsapp.9412920543

जारी है..(पूरी खबर शीघ्र पोस्ट की जा रही है)

Wednesday 21 November 2018

सड़क पर सीबर का सैलाब,

नई टिहरी-भागीरथीपुरम सड़क मार्ग पर पांगरखाल बैंड के पास विगत 2 माह से सीवर के सैलाब से जहां आवागमन करने वाले लोगों को भारी परेशानी हो रही है वहीं सड़क भी क्षतिग्रस्त हो रही है। सीबर की गंदगी से स्थानीय निवासियों को भारी परेशानियां हो रही हैं और इससे पर्यावरण भी दूषित हो रहा है।

       नई टिहरी नगर के लिए भागीरथीपुरम से नीचे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट दो दशक पूर्व तैयार किया गया था, जिसमे  शहर का सीबर सड़क मार्ग के किनारे सीवर लाइन द्वारा ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाता है किंतु विगत 2 माह पूर्व पांगरखाल बैंड के पास सीवर लाइन के चेंबर के फट जाने से शहर का सीबर सड़क पर फैल रहा है। सुबह के समय सीवर लाइन में तेज बहाव होने के कारण दोपहर 1:00 बजे तक लगभग आधा किलोमीटर तक सड़क पर सीवर फेला रहने के कारण राहगीरों को जहां तमाम असुविधाएं हो रही है वहीं इससे आसपास का पर्यावरण भी दूषित हो रहा है।

 सीवर की गंद से स्थानीय निवासियों का जीना दूभर हो रहा है। सीबर के सड़क पर बहने से सड़क पर जहां-तहां गड्ढे बन गए हैं और डामर उखड़ रही है।  इस स्थान पर लंबे समय से सीबर के चेंबर के क्षतिग्रस्त रहने के कारण सीबर स्थानीय पानी के स्रोतों में जाकर मिल रहा है जिससे पानी भी दूषित हो रहा है।

          जनपद मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर सड़क पर सीवर के इस सैलाब को न तो स्थानीय जनप्रतिनिधि गंभीरता से ले रहे हैं और ना ही जिला प्रशासन। सड़क पर सीवर के फैलाव के कारण सड़क को हो रही क्षति को लेकर लोक निर्माण विभाग भी मौन धारण किए हुए हैं तो अभी तक जल संस्थान द्वारा भी चैंबर की मरम्मत का प्रयास नहीं किया गया। जिस कारण यहां पर रोज दोपहर तक सीबर के फव्वारे से गंदगी सड़क पर फैल रही है।


Thursday 15 November 2018

इस किलर बैंड पर चट्टान बन रही है मुसीबत।

नई टिहरी - देवप्रयाग मोटर मार्ग पर टिपरी से 3 किलोमीटर आगे सड़क के एक मोड़ पर बरसों से यह चट्टान किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता दे रही है। सड़क के इस किलर बैंड पर ऊपर चट्टान और नीचे खाई वाहन चालकों को संभलने का मौका नहीं देती जिसकारण अभी तक दर्जनों लोगों के लिए यह मुसीबत का सबब बन चुकी है।
      टिपरी से तीन किमी आगे सड़क के इस मोड़ के किनारे कुछ वर्षो पहले बरसात के दौरान यह चट्टान खिसक कर आ पहुंची थी। उस समय चट्टान का एक हिस्सा जेसीवी के काटकर सड़क तो एक ओर से खोल दी गयी किन्तु मोड़ से लगी चट्टान का बड़ा हिस्सा मलबे के साथ वहीं छोड़ दिया गया। मोड़ के एक तरफ मलबा ओर चट्टान होने के कारण आने जाने वाले वाहन चालक इस चट्टान की वजह से दूसरी ओर से आते जाते वाहनों को नहीं देख पाते, जिस कारण आए दिन यहां पर वाहनों की भिड़ंत होना आम बात हो चुकी है। सड़क किनारे वाहनों के टकराने से कारण जहां तहां वाहनों  के शीशे और प्लास्टिक आदि के टूटे फूटे अवशेष बिखरे पड़े रहते हैं। इस स्थान पर नीचे की ओर गहरी खाई है जो कोटेश्वर बांध की झील से लगी हुई है जिससे जोखिम और भी बढ़ जाता है।

        यह संयोग ही है कि अभी तक इस मोड़ पर कोई बड़ी दुर्घटना नही हुई और यही कारण है कि लोक निर्माण विभाग को अभी तक दानव रूपी यह चट्टान नजर नहीं आई है स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से अनेक बार इस स्थान पर चट्टान को सड़क से हटाने के लिए निवेदन किया जा चुका है, किंतु राहगीरों के लिए मुसीबत का सबब बनी इस चट्टान को हटाने की जहमत न तो अभी तक स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उठाने की कोशिस की है और न हीं संबंधित विभाग द्वारा। इसे देखकर ऐसा ही लगता है मानो यह चट्टान बड़े हादसे को न्योता दे रही है और सम्बन्धित विभाग और जिला प्रशासन भी यहां पर किसी बड़ी आपदा के इंतजार कर रहे हैं।

 जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर की दूरी पर इस इस मोड़ से रोज दर्जनों विशिष्ट लोग अधिकारी, कर्मचारी और जनप्रतिनिधि आवागमन करते हैं किंतु आश्चर्यजनक बात है कि चट्टान के रूप में इस संभावित आपदा को दूर करने का किसी के द्वारा प्रयास नहीं किया जा रहा है

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