डी.सी.गौड़, मुख्य शिक्षा अधिकारी टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड। |
'शाला सिद्धि कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद टिहरी गढ़वाल से शतप्रतिशत विद्यालयों द्वारा सुधार हेतु स्वमूल्यांकन करने एवं स्व-मूल्यांकित विवरण को शाला सिद्धि पोर्टल पर समयान्तर्गत अपलोड करने पर समस्त विद्यालयों को बहुत-बहुत बधाइयाँ। इस कार्यक्रम के अंतर्गत स्व-मूल्यांकन के बाद अब बाह्य मूल्यांकन भी किया जाना है. बाह्य मूल्यांकन के लिए यथाशीध्र केंद्र, राज्य एवं जनपद स्तर पर मूल्यांकनकर्ताओं की टीमें विद्यालयों में मूल्यांकन हेतु पहुंचेंगी। राष्ट्रीय महत्त्व के इस कार्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाने के लिए यहाँ आपके लिए कुछ उपयोगी सुझाव दिए जा रहे हैं. इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए बाह्य-मूल्यांकन के लिए विद्यालय स्तर पर तयारी पूरे कर लें.''
राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा देहरादून, उत्तराखंड के सभागार में आयोजित कार्यशाला। |
सुशील डोभाल, प्रवक्ता अर्थशास्त्र राइका जाखणीधार टिहरी गढ़वाल |
शाला सिद्धि कार्यक्रम में सुधार हेतु स्व मूल्यांकन एवं बाह्य मूल्यांकन को लेकर दिनांक 18 व 19 जनवरी को राज्य परियोजना कार्यालय में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में राज्य के समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारियों व राज्य परियोजना कार्यालय के अधिकारियों के साथ प्रतिभाग का अवसर प्राप्त हुआ। कार्यशाला में प्रो. प्रणति पांडा, अध्यक्ष स्कूल मानक एवं मूल्यांकन इकाई न्यूपा नई दिल्ली द्वारा अनेक उपयोगी जानकारियां दी गयी। मुख्य शिक्षा अधिकारी टिहरी गढ़वाल आदरणीय श्री डी.सी. गौड़ जी द्वारा इस कार्यशाला के आधार पर जनपद के समस्त विद्यालयों के लिए कुछ उपयोगी सुझाव अपने विद्यालय के वेबपेज 'हिमवंत' के माध्यम से आप तक पहुंचाने के मुझे निर्देश दिए गए हैं।कार्यक्रम को अधिक सार्थक बनाने के उद्देश्य से कुछ सुझाव यहां दिए जा रहे हैं। आशा है यह सुझाव आपकी शाला के सुधार के लिए औऱ इस कार्यक्रम की सफलता के लिए उपयोगी सावित होंगे।
सुझाव
- समस्त शासकीय, अशासकीय एवं निजी प्राथमिक, उच्चप्राथमिक, माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के संस्थाध्यक्षों को अवगत करवाना है कि शाला शिद्धि कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालयों के स्वमूल्यांकन के साथ साथ इस सत्र से बाह्य मूल्यांकन भी किया जाना है। विद्यालयों के बाह्य मूल्यांकन के लिए यथाशीध्र केंद्र, राज्य एवं जनपद स्तर पर मूल्यांकनकर्ताओं की टीमें विद्यालयों में मूल्यांकन हेतु पहुंचेंगी। इसलिए स्वमूल्यांकन के साथ ही बाह्य मूल्यांकन के लिए पूर्व तैयारी रखनी होगी।
कार्यशाला में प्रो प्रणति पांडा से कार्यक्रम की जानकारी प्राप्त करते हुए राज्य के शिक्षा अधिकारी। |
- समस्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य एवं शाला सिद्धि प्रभारी इस बात का विशेष ध्यान रखें की शाला सिद्धि स्व मूल्यांकन समयान्तर्गत संपन्न कर लिया जाए एवं स्व मूल्यांकन के पश्चात शाला सिद्धि पोर्टल पर सूचनाओं को अपलोड कर लिया जाए।
- प्रायः यह दिखा जाता है कि अधिकतर संस्थाएं शाला सिद्धि पोर्टल के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड का रखरखाव सही ढंग से व्यवस्थित नहीं रहते हैं जिस कारण शाला सिद्धि पोर्टल पर लॉगिन संबंधी समस्याओं की शिकायतें सामने आती रहती है। समस्त संस्थाध्यक्ष सुनिश्चित कर ले की विद्यालय में तैयार की गई शाला सिद्धि पत्रावली पर शाला सिद्धि संबंधी यूजर आईडी, पासवर्ड और पिन को स्थाई रूप से अंकित कर लिया जाए, साथ ही पोर्टल पर पंजीकृत मोबाइल नंबर को भी इस पंजिका पर अवश्य अंकित कर लिया जाए।
- शाला सिद्धि पोर्टल के लिए संस्थाध्यक्ष द्वारा नियुक्त किए गए शिक्षक कर्मचारी का स्थानांतरण होने या मुख्यालय से बाहर रहने के कारण शाला सिद्धि पोर्टल पर सूचनाओं की प्रविष्टि करने में समस्याएं आना स्वाभाविक है। इन समस्याओं से निपटने के लिए संस्थाध्यक्ष यह सुनिश्चित कर लें पोर्टल पर डाटा एंट्री का कार्य एक ही व्यक्ति पर केंद्रित न रहे।
- आकस्मिक निरीक्षणों में यह बात सामने आती है की संस्थाओं द्वारा शाला सिद्धि पोर्टल पर स्व मूल्यांकन संबंधी सूचनाएं अपलोड तो कर दी जाती है किंतु इससे संबंधित पत्रावली विद्यालयों में सुव्यवस्थित नहीं मिलती है। समस्त संस्थाध्यक्ष यह सुनिश्चित करलें की शाला सिद्धि पोर्टल पर अपलोड की गई सूचनाएं विद्यालय में तैयार की गई शाला सिद्धि पत्रावली पर हार्ड कॉपी व्यवस्थित हैं अथवा नहीं। विद्यालय में शाला सिद्धि संबंधी पत्रावली पर स्व मूल्यांकन प्रपत्र हर समय उपलव्ध रहें तथा इस कार्य में किसी भी प्रकार की उदासीनता न रहे।
- कतिपय विद्यालयों द्वारा स्व मूल्यांकन की प्रक्रिया को केवल औपचारिकता स्वरूप संपन्न किया जा रहा है। जिससे शाला के सुधार होने में कठिनाई पैदा होगी। अनेक विद्यालयों द्वारा पोर्टल पर सही सूचनाएं अंकित नहीं की जाती है। सूचनाओं को अंतिम रूप से पोर्टल पर दर्ज करने से पूर्व संस्थाध्यक्ष अवश्य सत्यापन कर ले और ध्यान रहे कि यह एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रम है एवं इसमें किसी भी प्रकार की उदासीनता व लापरवाही न होने पाए।
- सुधार हेतु स्व मूल्यांकन के बाद विद्यालयों का बाह्य मूल्यांकन भी इस सत्र से आरंभ किया जा रहा है। बाह्य मूल्यांकन के लिए किसी भी समय केंद्र, राज्य अथवा जनपद स्तर पर गठित की गई टीमें मूल्यांकन हेतु आपके विद्यालय में पहुंच सकती हैं। संबंधित टीमों द्वारा विद्यालय का बाह्य मूल्यांकन किया जाना है एवं आपके द्वारा किए गए स्व मूल्यांकन का सत्यापन व विश्लेषण भी किया जाना है। इसलिए यह आवश्यक है कि स्व मूल्यांकन करते समय मानकों के अनुसार विद्यालय से संबंधित वास्तविक एवं सत्य सूचनाएं ही अंकित की जाएं।
- कुछ विद्यालय द्वारा बिना पूर्व तैयारी के सीधे पोर्टल पर सूचनाओं की प्रविष्टि ऑनलाइन अपलोड कर दी जाती है, जबकि विद्यालय का स्व मूल्यांकन कार्य एक टीम वर्क है जिसमें विद्यालय के समस्त शिक्षकों एसएमसी सदस्यों और यथासंभव छात्र-छात्राओं से विचार विमर्श के बाद स्व मूल्यांकन प्रपत्र भरे जाने हैं। इस प्रकार पहले सभी निर्धारित आयामों के अंतर्गत विद्यालयों का मूल्यांकन क्या जाना है और संस्थाध्यक्ष के सत्यापन के बाद इन्हें पोर्टल पर अपलोड किया जाना है। किसी भी प्रकार के असत्य आंकड़े पोर्टल पर अपलोड न किए जाएं।
- यथासंभव स्व मूल्यांकन प्रपत्र दो प्रतियों में विद्यालय की पत्रावली में अवश्य तैयार रखें एवं बाह्य मूल्यांकन के लिए पहुंचने वाली टीमों को एक प्रति उपलब्ध करवा दें।
- पोर्टल पर लॉगइन संबंधी समस्या के निवारण के लिए संबंधित विद्यालय स्थायी PIN का उपयोग कर पासवर्ड रिसेट कर सकते हैं। शाला सिद्धि पोर्टल पर पासवर्ड रिसेट के लिए स्थायी पिन को विद्यालय कि शाला सिद्धि पत्रावली पर अवश्य अंकित करें।
- शाला शिद्धि पोर्टल पर विद्यालय का विवरण अपलोड करने की प्रक्रिया जानने के लिए राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार टि.ग. के वेबपेज पर यहां क्लिक कर सकते हैं. स्व-मूल्यांकन की पूरी प्रक्रिया यहां पढ़ें।
- शाला शिद्धि पोर्टल पर विद्यालय का विवरण अपलोड करने की प्रक्रिया के लिए तकनीकी सहायता हेतु सुशील डोभाल, प्रवक्ता अर्थशास्त्र के मोबाईल नंबर 9412920543 और मुकेश डोभाल क.स. राइका रानीचौरी के मोबाईल नंबर 9720623360 पर संपर्क किया जा सकता है।
सराहनीय।
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी पहल। आपकी इस पोस्ट से निश्चित ही शाला सिद्धि के बारे में सभी समझ पायेंगे।
ReplyDeleteबहुत अच्छा प्रयास
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