लम्बे समय के प्रयासों के बाद आखिर अब स्थानांतरण के फलस्वरूप राइका मसाणगांव पौड़ी गढ़वाल से कार्यभार मुक्त होकर
मैंने आज अपने गृह जनपद के राइका जाखणीधार टिहरी गढ़वाल में कार्यभार ग्रहण
कर लिया है। पौड़ी जनपद के अपने सभी शिक्षक साथियों से बिछड़ने की पीड़ा गृह
जनपद में लौटने की खुशी पर हावी हो रही है और मैं पौड़ी के अपने पुराने साथियों और सहकर्मियों को
बहुत याद कर रहा हूँ। पौड़ी में सेवारत रहते हुए मैं अपने उन समस्त विद्वान
शिक्षक साथियों, समानित प्रधानाचार्यो, विभागीय अधिकारियों और कार्यालय के
कर्मचारियों सहित अपने समस्त छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों का हृदय से
आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने न केवल मुझे अपना अमूल्य सहयोग, प्रेम और
अपनापन दिया अपितु मेरे कार्यो और प्रयासों को सराहते हुए मेरा हमेशा मनोबल
बढ़ाया है। राइका मसानगाँव में मैंने करीब 6 वर्षों तक प्रवक्ता अर्थशास्त्र के पद पर शिक्षण कार्य किया, तीन साल तक प्रभारी प्रधानाचार्य के रूप में भी कार्य किया. यह संस्था मेरे लिए एक प्रशिक्षण संस्थान की तरह रही है जहां मैंने अपने सहकर्मियों, छात्र छात्राओं, अभिभावकों और स्थानीय लोगों से बहुत कुछ सीखा है. सीखने और सिखाने के इस क्रम में अनेक महानुभावों ने मुझे हमेशा प्रेरित किया हैं उनकी स्मृतियाँ हमेशा मेरे ह्रदय में रहेंगीं. मुख्य शिक्षा अधिकारी श्री कुलदीप गैरोला जी, मदन सिंह रावत जी, जिला परियोजना अधिकारी माध्यमिक श्री हरेराम यादव जी, पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी श्री सुभाष चन्द्र भट्ट जी, श्री रामवचन राम जी, वर्तमान खंड शिक्षा अधिकारी श्री शंकर सिंह यादव जी, क्षेत्र प्रमुख श्री सुनील लिंगवाल जी, प्रधानाचार्य श्री ओंकार सिंह गुसाईं जी, आनन्द विलास ममगाईं जी, सुनील कुमार पोखरियाल जी, डॉ राजेश पचोरी जी, श्री अरुण कुमार सिन्हा जी, श्री प्रदीप नैथानी जी, डॉ वाई इस नेगी, क्षेत्र प्रमुख श्री सुनील लिंगवाल जी आदि विद्वान अधिकारी व प्रधानाचार्यों के सानिध्य में रहते हुए न केवल अमूल्य अनिभव प्राप्त किये हैं अपितु इनका प्रेम और स्नेह पाकर मै स्वयं को गौरवान्वित महसूस करता हूँ. विशेषरूप से पूर्व प्रधानाचार्य व खंड शिक्षा अधिकारी श्री शिवचरण भट्ट जी एवं पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी श्री रामवचन राम जी का हमेशा आभारी रहूँगा जिन्होंने मुझे हमेशा कार्य के प्रति समर्पण और उच्च आदर्शों को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रेरित किया है.
अपना सौभाग्य मानता हूँ कि इन महानुभावों का आशीर्वाद और स्नेह मुझे मिलता रहा है और मिलता रहेगा. मेरे सहकर्मी साथी श्री महेश सुयाल जी, मदन लाल सेमवाल जी, सुरेन्द्र शर्मा जी, राजेश डिमरी, श्री नवेंद्र नेगी जी, श्री हरीश मोहन लिंगवाल जी, श्री मेहंदी हसन अंसारी, श्री गजेन्द्र प्रसाद जुयाल जी, सन्तोष कुमार सिंह जी, सुमेर चन्द रमोला जी, अमित काला जी, डॉ विश्वसेन जी, दिनेश बडोनी जी, कुलदीप काला जी, राजेश भट्ट जी, गोपाल चौहान जी, हरेन्द्र चौहान जी, चंद्र प्रकाश जी, अनवर अहमद सिद्दकी जी, धीरेन्द्र लिंगवाल जी, श्री महेश गिरी जी, श्रीमती हेमलता कन्नौजिया, श्रीमती लक्ष्मी राणा, श्रीमती बीना रावत, श्रीमती कुसुमलता, श्रीमती सुनीता मैठाणी, श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, श्रीमती सीमा नैथानी, श्रीमती देवेश्वरी दीदी, श्री गंगा भाई, चन्दन भाई,श्री गौरव रावत, श्री गौरव नवानी, पीटीए अध्यक्ष श्री अनिल गुसाईं जी और विकासखण्ड कोट के सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं का पुन: हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ. "सुशील डोभाल"
आपको लिखने में महारत हासिल हैं, ईश्वर आपकी लेखनी पर ऐसे ही आशीर्वाद बनायें रखें। हार्दिक शुभकामनाओ सहित आपका अनुज जल कुमार सैनी
ReplyDelete