दीपक रतूड़ी, पूर्व छात्र |
देश हमें देता है सबकुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें। राष्ट्र के प्रति यह जिम्मेदारी का भाव ही किसी देश को महान बनाता है। यह भाव हमारे अंदर विद्यार्थी काल से ही होना चाहिए। समाज व राष्ट्र के प्रति सजगता का भाव, जिससे राष्ट्र परम वैभव को प्राप्त हो सके। विद्यार्थी के अंदर का यह भाव उसे भविष्य का जिम्मेदार नागरिक भी बनाता है। विद्यार्थी जीवन मानव जीवन का स्वर्णिम काल होता है। जीवन के इस पड़ाव पर वह जो भी सीखता, समझता है अथवा जिन नैतिक गुणों को अपनाता है वही उसके व्यक्तित्व व चरित्र निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाते हैं.
हमारे विद्यालय के हमारे अनेक पूर्व छात्र विभिन्न क्षेत्रों के अपना शानदार योगदान देते हुए विद्यालय और क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे हैं. इनकी कामयावी पर हमें गर्व है. ऐसे ही अपने एक पूर्व छात्र और उसकी राचनाशीलता से आपको परिचित करवा रहा हूँ. करीब एक दशक पूर्व हमारे विद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर निकल चुके पूर्व छात्र दीपक रतूड़ी का आज भी इस विद्यालय से अटूट लगाव है. यूँ तो दीपक आजीविका के लिए साल के अधिकतर दिनों गाँव से बाहर ही रहता है, लेकिन गाँव लौटने पर जब भी उसे समय मिलता है वह हाथ में ब्रस पकड कर विद्यालय की दीवारों को अपनी चित्रकारी से सजाने सँवारने में कोई कसर नहीं छोड़ता. दीपक के द्वारा दीवारों पर उकेरे गए चित्र समाज में न केवल बेहतरीन सन्देश देने वाला होते हैं बल्कि यह विद्यालय में पढने वाले छात्रों के लिए भी अनुकरणीय कार्य है. सामुदायिक सहयोग का विद्यालयों के लिए इससे बड़ा उदाहरण कोई नही हो सकता. हम इस श्रजनशीलता की सराहना करते हुए दीपक के उज्जवल भविष्य के कामना करते हैं.
gajab you are great Deepak keep it up man. Country need Mans like you.
ReplyDeleteबेहतरीन.....सदैव उन्नति के पथ पर आगे बढ़ो...शुभाशीष
ReplyDeleteसमाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं दीपक जैसे विद्यार्थी।
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