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मुख्यशिक्षा अधिकारी टिहरी , दिनेश चन्द्र गौड़ |
मुख्यशिक्षा
अधिकारी दिनेश चंद्र गौड़ ने बोर्ड मूल्यांकन केंद्र राजकीय प्रताप इंटर कॉलेज बौराडी पहुंच कर मूल्यांकन केंद्र का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मूल्यांकन
कर रहे परीक्षकों व अंकेक्षकों की उपस्थिति का सत्यापन करते हुए उन्हें आवश्यक
निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक,
परीक्षक के रूप में परीक्षार्थियों के न्यायाधीश होते हैं इसलिए यह
सुनिश्चित होना चाहिए कि कोई भी छात्र न्याय से वंचित न हों. उन्होंने
मूल्यांकन केंद्र के उप नियंत्रक को निर्देश दिए कि मूल्यांकन निष्पक्ष तरीके से
तय समय में कराया जाए व मूल्यांकन कार्य कर रहे परीक्षकों द्वारा काम के दौरान मोबाइल
फोन का प्रयोग नहीं किया जाए और उत्तर पुस्तकों की
गोपनीयता बरकरार रखी जाए।
नई टिहरी
स्थित राजकीय प्रताप इंटर कॉलेज बौराडी में इन दिनों हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं का मूल्यांकन कार्य चल रहा है मुख्य शिक्षा अधिकारी दिनेश गॉड ने विद्यालय शिक्षा परिषद रामनगर द्वारा
निर्धारित इस मूल्यांकन केंद्र में अचानक पहुंचकर मूल्यांकन कार्य का औचक निरीक्षण
किया इस दौरान उन्होंने मूल्यांकन केंद्र पर नियुक्त उपप्रधान परीक्षक, परीक्षक, अंकेक्षक आदि मूल्यांकन कार्य में लगे
शिक्षकों की उपस्थिति का सत्यापन किया उन्होंने मूल्यांकन के संदर्भ में परीक्षकों
और अंकेक्षकों को आवश्यक निर्देश दिए। करीब 11:00 बजे
मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचकर श्री गौड ने विभिन्न मूल्यांकन कक्षों में प्रत्येक
मूल्यांकन बेंच पर पहुंचकर मूल्यांकन कार्य का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने की
उत्तर पुस्तिकाओं का अवलोकन भी किया। उन्होंने मूल्यांकन कार्य में किसी प्रकार की
उदासीनता और लापरवाही न बरतने के निर्देश देते हुए कहा की छात्रों के बौद्धिक स्तर
को ध्यान में रखते हुए मूल्यांकन कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि न्यूनतम और अधिकतम
अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं का अवश्य अंकेक्षण किया जाए।
श्री गौड़ ने बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का
मूल्यांकन कार्य शुचितापूर्ण तरीके से करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने
मूल्यांकन केंद्र के उप नियंत्रक सुरेश कुमार उनियाल को निर्देश दिए कि मूल्यांकन निष्पक्ष तरीके से
तय समय में कराया जाए व मूल्यांकन कार्य कर रहे परीक्षकों द्वारा काम के दौरान मोबाइल
फोन का प्रयोग न किया जाय व उत्तर पुस्तकों की
गोपनीयता बरकरार रखी जाए। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाय किसी भी दशा में उत्तर पुस्तिकाओं की फोटो आदि खींचना और
वायरल न की जाए। उन्होंने कहा है कि कोई भी व्यक्ति
मूल्यांकन केन्द्र के अन्दर पहुंच कर काम को प्रभावित न कर पाए। आवश्यकता पड़ने पर
स्थानीय पुलिस-प्रशासन का सहयोग लिया जाए। मूल्यांकन कार्य के दौरान कोई भी बाहरी
व्यक्ति, जनप्रतिनिधि या मीडिया के लोग अन्दर न जाने पाएं।
परीक्षा व मूल्यांकन में हो रहे बदलावों की चर्चा करते हुए
मुख्य शिक्षा अधिकारी डीसी गौड़ ने कहा कि परीक्षकों व प्रधान परीक्षकों को मार्किंग
का पुनर्योग करने, रेंडम चेकिंग, ओवर
मार्किंग, अंडर मार्किंग, स्टेप
मार्किंग एवं पास-फेल के बाउंड्री लाइन पर पाये गये परीक्षार्थी के बारे सावधानी व
उदारता पर पूरी तरह सचेष्ट रहना जरूरी है. अगर परीक्षकों के अनदेखी के कारण किसी
छात्र को कम अंक मिले और उसका करियर बर्बाद हो यह ठीक बात नहीं है. उन्होंने कहा
कभी कभी तो छात्र आत्मघाती कदम तक उठा लेते हैं, शिक्षक,
परीक्षक के रूप में परीक्षार्थियों के न्यायाधीश होते हैं इसलिए यह
सुनिश्चित होना चाहिए कि छात्र कतई न्याय से वंचित न हों, ताकि मूल्यांकन प्रणाली से उनका भरोसा न उठे। श्री गोड ने परीक्षकों व
अंकेक्षकों को मूल्यांकन में ओवर राइटिंग से बचने के लिए सीसी 16 व सीसी 25 आदि प्रपत्रों पर संशोधित प्रविष्टियां
करने के निर्देश दिए है। नोट- उपरोक्त फोटग्राफ इंटरनेट से लिये गए है, मूल्यांकन केंद्र से इनका कोई सम्बन्ध नही है।
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