Saturday, 22 December 2018

12वीं अर्थशास्त्र की बोर्ड परीक्षा में हो सीबीएसई के समान मूल्यांकन पैटर्न। अभिभावक संघ गत वर्ष से कर रहे हैं मांग।

Sushil Dobhal, PGT Economics

समस्त अर्थशास्त्र विषयाध्यापकों से निवेदन है कि अपने अपने विद्यालयों से छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए PTA और SMC के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री जी को निम्नवत ज्ञापन प्रेषित करवाएं। 
     उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विभाग में नियुक्त समस्त अर्थशास्त्र प्रवक्ताओं का अपने Whatsapp ग्रुप में स्वागत है। ग्रुप में जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें। कृपया ग्रुप में केवल शैक्षिक नवाचारव विभागीय गतिविधियां ही पोस्ट करें, अनावश्यक सामग्री पोस्ट करने पर ग्रुप से हटा दिया जाएगा. 
      सीबीएसई सहित देश के अन्य राज्यों के शिक्षा परिषदों की तुलना में उत्तराखंड शिक्षा एवं परीक्षा परिषद रामनगर का कक्षा 12 अर्थशास्त्र का परीक्षाफल विगत कई वर्षों से सुधार नहीं हो पा रहा है जिस कारण राज्य के अर्थशास्त्र प्रवक्ता, छात्र-छात्राएं और अभिभावक पिछले लंबे समय से सीबीएसई और अन्य राज्यों के शिक्षा परिषदों के समान मूल्यांकन पेटर्न में संशोधन की मांग कर रहे हैं 
       गौरतलब है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) सहित हिमाचल, हरियाणा, पंजाब महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर  सहित अधिकतर राज्यों के शिक्षा परिषदों का अर्थशास्त्र विषय का मूल्यांकन लिखित परीक्षा के लिए 80 अंक का निर्धारित होता है जबकि 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन अथवा परियोजना कार्य के लिए निर्धारित होते हैं। सीबीएसई एवं अन्य शिक्षा परिषदों का अर्थशास्त्र विषय का परीक्षाफल आंतरिक मूल्यांकन अथवा परियोजना कार्य के कारण बेहतर आता है, और उत्तराखंड शिक्षा एवं परीक्षा परिषद रामनगर का कक्षा 12 अर्थशास्त्र का परीक्षाफल सीबीएसई व अन्य राज्यों के बोर्डो  से हर बार पिछड़ जाता है। जानकारों का कहना है कि उत्तराखंड विद्यालय शिक्षा एवं परीक्षा परिषद द्वारा संचालित कक्षा 12 अर्थशास्त्र विषय का मूल्यांकन दशकों पूर्व पैटर्न पर किया जा रहा है जिस कारण अर्थशास्त्र में प्रतिवर्ष सैकड़ो परीक्षार्थी अनुत्तीर्ण हो जाते है। 
        इस प्रकरण पर राजकीय इंटर कालेज जाखणीधार टिहरी गढ़वाल के अभिभावकों ने माननीय शिक्षा मंत्री जी को ज्ञापन भेजकर छात्र हित में कक्षा 12 अर्थशास्त्र विषय का मूल्यांकन सीबीएसई व अन्य राज्यो के शिक्षा परिषदों के समान करते हुए 100 अंकों की लिखित बोर्ड परीक्षा के स्थान पर 80 अंकों की बोर्ड लिखित परीक्षा एवं 20 अंकों का आंतरिक मूल्यांकन/प्रोजेक्ट वर्क करवाने का अनुरोध किया है। पीटीए अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता राम दयाल रतूड़ी ने कहा है कि उत्तराखंड बोर्ड का मूल्यांकन पैटर्न अन्य राज्यों के शिक्षा परिषदों से 20 साल पुराने पैटर्न पर चल रहा है जिसका खामियाजा राज्य के बोर्ड परीक्षार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री से भी मूल्यांकन पैटर्न में सुधार के लिए समाधान पोर्टल के माध्यम से अनुरोध किया है। उन्होंने समस्त विद्यालयों के अभिभावक संघो से इस मुद्दे पर छात्र हिट में आगे आने की अपील की है। 
          इस प्रकरण पर राज्य के अनेक इंटर कॉलेजों के विषयाध्यापकों ने मूल्यांकन पैटर्न में सुधार की जरूरत बताई है। राइका जाखणीधार टिहरी से प्रवक्ता अर्थशास्त्र सुशील डोभाल, राइका कटापत्थर देहरादून से डॉ हरिनंद भट्ट , राइका ढूंगीधार टिहरी से बादरायण बिजल्वाण, राइका बिरेंद्रकोट से सुनील कोठारी, राइका सेमलखलिया नैनीताल से श्याम सिंह गौतम, राइका म्यानी जौनपुर से प्रजापति नौटियाल, राइका किमतोली चंपावत से मुरली मनोहर, राइका देवलधार से यशवंत मिश्रा आदि का कहना है कि इस संदर्भ में छात्रहित को ध्यान में रखते हुए बोर्ड को सीबीएसई के समान मूल्यांकन प्रणाली अपनानी चाहिए।












सेवा में
 माननीय विद्यालयी शिक्षामंत्री जी
 उत्तराखंड सरकार देहरादून
 उत्तराखंड
विषय- विद्यालयी शिक्षा परिषद् द्वारा संचालित विद्यालयों में कक्षा 12 के अर्थशास्त्र विषय का मूल्यांकन सीबीएसई के पैटर्न पर करवाने के सम्बन्ध में 

महोदय,
 सविनय अनुरोध करना है की अर्थशास्त्र विषय की जटिलता और पिछले कई वर्षों के न्यून परीक्षाफल को ध्यान में रखते हुए और देशभर के अनेक शिक्षाविदों के सुझाओं को पर केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद् ने इस सत्र से कक्षा 12 अर्थशास्त्र विषय को छात्रों के लिए अधिक रुचिकर बनाने के लिए परिषदीय परीक्षा के मूल्यांकन के पैटर्न में बदलाव करते हुए 80 अंकों की लिखित परीक्षा तथा 20 अंकों का परियोजना कार्य व प्रयोगात्मक परीक्षा निर्धारित की है.
      उत्तराखंड बोर्ड के अंतर्गत कक्षा 12 के अर्थशास्त्र विषय का पिछले कई वर्षों का परीक्षाफल  अन्य विषयों की तुलना में बेहद न्यून रहा है. अर्थशास्त्र विषय की जटिलता और वर्तमान परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए परिषदीय परीक्षा में अर्थशास्त्र विषय के मूल्यांकन पैटर्न में सीबीएसई की भाँती आंशिक संशोधन किया जाना नितांत आवश्यक है.
 अतः महोदय से विनम्र निवेदन करना है की राज्य के हजारों छात्रों व अभिभावकों के हितों को ध्यान में रखते हुए कक्षा 12 की परिषदीय परीक्षा में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद् की भाँती उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद् में भी मूल्यांकन पैटर्न में आंशिक परिवर्तन करते हुए पूर्व में 100 अंकों की लिखित परीक्षा के स्थान पर 80 अंकों की लिखित परीक्षा और 20 अंकों की प्रयोगात्मक परीक्षा अथवा आतंरिक मूल्यांकन निर्धारित करवाने की महती कृपा कीजिएगा. हम सब आपके आभारी रहेंगे.

                                                                                                                (रामदयाल रतूडी)
                                                                                                                      अध्यक्ष
                                                                                                          अभिभावक शिक्षक संघ
                                                                                         रा.इ.का. जाखणीधार, टिहरी गढ़वाल  उत्तराखंड।





Thursday, 13 December 2018

विलुप्त होती परम्पराएं.

           आलेख- दिनेश प्रसाद डंगवाल, अध्यक्ष राजीकीय शिक्षक संघ, जाखणीधार टिहरी गढ़वाल।
    आधुनिकता की चकाचैंध ने मनुष्य के सामाजिक जीवन में जबरदस्त बदलाव ला दिया है जिससे हमलोग अपनी पुरानी परंपराओं को धीरे धीरे खोते जा रहे हैं। निश्चित रूप से आने वाले समय में कुछ बातें अतीत के तौर पर ही याद रखी जाएंगी। आने वाली पीढियां इन सब परम्पराओ को किस्से कहानियों में ही सुन पाएंगी। बदलते दौर में अनेक लोक परंपरायें धीर-धीरे लुप्त होती जा रही हैं. लोक परंपराओं में डोली पर सवार होकर दुल्हन के ससुराल जाने की परंपरा भी समाप्त हो चुकी है, नतीजतन शादी-विवाह के इस मौसम में न तो कहीं डोली-डोला नजर आती है व न उसे ढोने वाले कहार- ढोली ही नजर आते है। अलबत्ता डोली की चर्चा अब केवल फिल्मों के गीतों तक ही सीमित हो कर गयी है। डोली और पालकी के बारे में नयी पीढ़ी जानती तक नहीं है बदलते दौर में शादी के हाइटेक होने  के साथ दुल्हन की विदाई भी हाइटेक हो चुकी है
 
           आधुनिकता के नाम पर परंपराओं में बदलाव का यह दौर उत्तराखंड के गढ़वाल ओर कुमाऊँ की संस्कृति व परम्परा पर पूरी तरह हावी हो चुका है।80-90 के दशक तक दूल्हा पालकी पर सवार होकर ससुराल जाता था व दुल्हन डोली में बैठ कर अपने पिया के घर के लिए विदा होती थी पर अब इसकी परंपरा समाप्त होने के साथ-साथ कहार- ढोली भी बेरोजगार हो गये या इस जाति के लोगों ने रोजी-रोटी की वैकल्पिक व्यवस्था कर ली। गौरतलब है कि जब दुल्हल डोली पर सवार होकर अपनी ससुराल जाती थी, तो मायके से ससुराल पहुंचने में कई घंटे लग जाते थे। इस बीच दुल्हन तरह-तरह की कल्पनाएं करती थी खैर वक्त बदलते के साथ ही डोली पर सवार होकर पिया के घर जाने की व्यवस्था भी बदल गयी है। अब तो दुल्हन बोलेरो, स्कार्पियो जैसी तीव्र गति से चलनेवाले वाहनों से पिया के घर पलक झपकते ही पहुंच जाती है। कभी कभी तो दुल्हन की विदाई में रेल और हवाई यात्रा की व्यवस्था देखी जाती है। ।  आज न तो डोली रही और न उसे उठाने वाले कहार ही। बदलते दौर में न केवल हमारी लोक जीवन शैली बदली है बल्कि कई लोक परंपराएं भी लुप्त हो गयी हैं। अब फिल्मों में ही दिखती है डोली अब फिल्मी गीतों में ही डोली का जिक्र आता है।
          शादियों में अब माँगलगीतों का स्थान डीजे पर बजने बाल तीब्रध्वनि वाले फूहड़ गीत संगीत ने ले लिया है जबकि पारम्परिक वेषभूषा भी मर्यादाओं से बाहर हो चली है। पारम्परिक भोजन का स्थान अब चाइनीज फास्टफूड ले चुका है और सामाजिक व सांस्कारिक आयोजनों पर भोजन व धन की बर्बादी को आयोजक अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर देखते है। आखिर यह कैसी आधुनिकता है और किस ओर आगे बढ़ रहा है हमारा समाज?



यह पेज आपके लेख के लिए आरक्षित है।

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Thursday, 6 December 2018

National Scholarship Portal पर छात्रवृत्ति के लिए यहां करें ऑनलाइन आवेदन और नवीनीकरण.


Sushil Dobhal

        समस्त संस्थाध्यक्षों, शिक्षक साथियों और प्यारे विद्यार्थियों को मेरा अभिवादन. जैसा की आपको विदित है कि "हिमवंत" के माध्यम से मै आपके साथ अपने अनुभव और विभिन्न जानकारियाँ शेयर करने का प्रयास करता रहता हूँ, इसी क्रम में आज National Scholarship Portal पर ऑनलाइन आवेदन और नवीनिकरण की पूरी प्रक्रिया को सरल ढंग से प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूँ. राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल किसी भी सरकारी छात्रवृत्ति और शैक्षिक ऋण के लिए डिजीटल तरीके से आवेदन करने का सबसे उत्कृष्ट समाधान है. यह भारत सरकार द्वारा अपने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के हिस्से के रूप में शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है. तो आइये जानते हैं National Scholarship Portal पर ऑनलाइन नए आवेदन और पिछले वर्ष के आवेदनों के नवीनीकरण की सम्पूर्ण प्रक्रिया.

Login and renewal Registration for School or Institute  (Click here)

For New User, Registration On National Scholarship Portal (Click here)

Login for Fresh Application ( Click here)

For Students Login or Renewal  (Click here) 

For Search Institute/Schools/ITI (Click Here)

Forgot Application ID ( Click here) 

Forgot Password ( Click here)

For Contact me, Click here


Candidates can contact the Help Desk for resolution of the technical problems

Help Desk Number-  0120 - 6619540

E-mail- helpdesk@nsp.gov.in
नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल 2018-19 संक्षिप्त विवरण:
  • संस्था का नाम:  भारत सरकार
  • सेवा का नाम : राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल शिकायत / प्रतिक्रिया
  • लागू राज्य : All India
  • वेबसाइट : www.scholarships.gov.in

नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल & एप्लीकेशन फॉर्म 2018 / 2019

पात्रता मानदंड (नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल):
नीचे दिए गए अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित आवेदक वे Post Matric and Merit-cum आधारित छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • मुस्लिम
  • ईसाई
  • सिख
  • बौद्ध
  • जैन
  • पारसी (पारसी)
नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल लॉग इन:
  • राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के जरिए ऑनलाइन छात्रवृत्ति भरने की सुविधा और कई अन्य लाभों की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
  • जैसा कि पहले से ही चर्चा की गई एनएसपी सरकार की छात्रवृत्ति प्रदान करती है, सवाल उठता है कि इससे कोई लाभ कैसे उठा सकता है। उम्मीदवारों द्वारा यहां बताया गया है कि छात्र लॉगिन पैनल के माध्यम से पूछे गए विवरणों जैसे अकादमिक विवरण और अन्य लोगों को भरकर पंजीकरण कराना आवश्यक है।
  • यह आपको नये पृष्ठ पर पुनर्निर्देशित करेगा जिसमें छात्रवृत्ति के बारे में जानकारी की एक सूची होगी, जिसके लिए एक विशेष आपूर्तिकर्ता पात्र होगा।
  • अब अधिक समय बर्बाद किए बिना, उम्मीदवार राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल आवेदन पत्र को भरने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करते हैं।

 विद्यार्थी लॉगिन के लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पूरी प्रक्रिया देखें
  • चरण 1: ऑनलाइन आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवारों को उन्हें राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल में प्रवेश करना होगा जो कि www.scholarships.gov.in है।
  • चरण 2: मुख पृष्ठ पर “New User? Register” दबाएं “
  • चरण 3: नया पृष्ठ नाम, लिंग, मोबाइल नंबर, कैप्चा कोड और कुछ विवरण पूछे जाने पर दिखाई देगा, इसे सही जानकारी के साथ भरें और इसे भरने के बाद ‘ Register’ टैब चुनें
  • चरण 4: सफलतापूर्वक पंजीकरण पूरा होने के बाद, आप अपने “छात्र पंजीकरण आईडी” प्राप्त करेंगे
  • चरण 5: “विद्यार्थी पंजीकरण आईडी” के माध्यम से, आप खाते में लॉगिन करने में सक्षम होंगे।
  • चरण 6: पोर्टल में आपका स्वागत है,  पृष्ठ दिखाई दिया
  • चरण 7: “आवेदन पत्र” टैब को बाद, फॉर्म आपके सिस्टम स्क्रीन पर दिखाई देगा, पंजीकरण विवरण, शैक्षणिक विवरण और मूल विवरण भरें। अब इन क्षेत्रों के अनुसार भरना शुरू करें
  • चरण 8: “Save & Continue” का चयन करके आप आवेदन पत्र मिलेगा और इसके अतिरिक्त संपर्क के विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण विवरण जैसे कि संपर्क विवरण, योजना विवरण और अपलोड दस्तावेज़ तदनुसार भरें
  • चरण 9: अंत में, ‘Submit’ टैब पर दबाएं और >> नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर छात्रवृत्ति आवेदन करने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत प्रक्रिया को पूरा करें।
  • चरण 10: भरोसेमंद संदर्भ के लिए भरे हुए आवेदन पत्र को प्रिंट करने के लिए मत भूलना।
योजनाएं – नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल:
  • Post-matric Scholarship Scheme.
  • Merit-cum-Means Scholarship Scheme
  • Pre-matric Scholarship Scheme
  • Central Sector Scheme of Scholarship for College and University Students
  • National Means Cum Merit Scholarship Scheme.
  • Incentives to Girls for Secondary Education
  • Central Sector Scholarship Scheme of Top Class Education for SC Students
  • Pre-Matric Scholarships for Students with Disabilities
  • Post-Matric Scholarships for Students with Disabilities
  • Scheme For Award Of Scholarships Under Cine/Mine/Lsdm/Beedi And IOMC Workers Welfare Fund.
  • Pre-Matric Scholarship Scheme for ST Students
लाभ – नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल:
  • छात्रों के लिए सरलीकृत प्रक्रिया
  • बेहतर पारदर्शिता
  • मानकीकरण में मदद करता है
  • पारदर्शी डाटाबेस बनाना
  •  दोहराव से बचें
  • विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं और मानदंडों का एकीकरण
पत्र के साथ अपलोड किए जाने वाले दस्तावेजों की सूची:
  • संस्थान सत्यापन फॉर्म (अनिवार्य)
  • राज्य / संघ शासित प्रदेश में प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाणपत्र – (अनिवार्य)
  • छात्र की घोषणा (अनिवार्य)
  • फॉर्म में भरे गए उत्तीर्ण हुए अंतिम परीक्षा के स्वयं प्रमाणित प्रमाण पत्र (अनिवार्य)
  • ‘वर्तमान पाठ्यक्रम वर्ष’ की शुल्क रसीद। (अनिवार्य)
  • विद्यार्थी के नाम पर बैंक खाते का प्रमाण। (अनिवार्य)
  • आधार कार्ड (वैकल्पिक)
  • पता का प्रमाण (वैकल्पिक)
राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना में भाग लेने वाले मंत्रालय:
  • Ministry of Social Justice and Empowerment
  • University Grant Commission – UGC
  • Ministry of Trial affairs
  • Ministry of HRD
  • All India Council for Technical Education
  • Ministry of Minority Affairs
  • National Scholarship Portal Features
निवेदन –
आप सभी से मेरा अनुरोध है कि इस ब्लॉग के link को अपने सभी परिचितों, सहकर्मियों और मित्रों को वाट्सएप ग्रुप एवं फेसबुक या अन्य सोशल नेटवर्क पर अधिक से अधिक शेयर करें ताकि उत्तराखंड सहित देशभर के अधिकतर जरूरतमंद छात्रों और उनके माता-पिता को इस राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिल सके.

Monday, 3 December 2018

बाल वैज्ञानिकों ने दिए जीवन की चुनौतियों के रोचक वैज्ञानिक समाधान।

जिला विज्ञान महोत्सव के अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार के बाल वैज्ञानिकों ने डिजिटल इंडिया विषय पर नाटक प्रस्तुत करते हुए साइबर अपराधों के प्रति सतर्क रहने का संदेश दिया। बाल विज्ञानियों के इस नाटक को राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार के यूट्यूब चैनल पर देखने के लिए यहां क्लिक करें। बाल वैज्ञानिकों ने विज्ञान ड्रामा के माध्यम से दिया साइबर अपराधों के प्रति सतर्क रहने का संदेश।

जिला स्तरीय विज्ञान महोत्सव भिलंगना विकासखण्ड के राजीकीय इंटर कॉलेज घुमेटीधार में आयोजित किया गया। तीन दिवसीय कार्यक्रम पहले दिन विभिन्न विकासखण्डों के दर्जनों प्रतिभागियों ने कार्यक्रम के लिए अपना नामांकन करवाया। इस मौके पर मुख्य अतिथि घनसाली के विधायक शक्तिलाल शाह ने बच्चों के साथ छात्र जीवन के अपने अनेक अनुभव सांझा करते हुए जीवन की चुनौतियों के कुशल समाधान हेतु वैज्ञानिक सोच रखते हुए आगे बढ़ने के लिए कहा है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नगर पंचायत के नवनियुक्त अध्यक्ष धरि शंकर पाल सजवाण ने स्कूली बच्चों को जीवन की जटिलताओं के प्रति वैज्ञानिक सोच रखने का आवाहन किया। 

       राजीकीय इंटर कॉलेज घुमेटीधार में आयोजित जिला विज्ञान महोत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि व क्षेत्रीय विधायक शक्तिलाल साह, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक श्री शिव प्रसाद सेमवाल, नगर पंचायत घनसाली के नवनियुक्त अध्यक्ष द्वारा दीप प्रज्वलित करते हुए किया। इस अवसर पर राइका घुमेटीधार, बालिका इंटर कालेज घनसाली, विद्या मंदिर आदि विभिन्न निकटवर्ती विद्यालयों की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना सहित अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक श्री शिव प्रसाद सेमवाल ने जनपद के विभिन्न विद्यालयों से कार्यक्रम में प्रतिभाग करने पहुंचे बाल विज्ञानियों को  वैज्ञानिक अन्वेषणों पर आधारित अनेक प्रेरक प्रसंग सुनाए। जिला विज्ञान समन्वयक श्री अलख नारायण दूवे ने इन्सपायर अवार्ड कार्यक्रम में जनपद के शानदार प्रदर्शन पर समस्त विकासखण्डों के इन्सपायर अवार्ड कोर्डिनेटर्स, मार्गदर्शक शिक्षकों एवं 881 चयनित बाल विज्ञानियों के प्रयासों की सराहना की है। कार्यक्रम में विभिन्न विकासखण्डों के बाल वैज्ञानिकों की टीमों ने अनेक विज्ञान नाटकों का मंचन किया। 

          कार्यक्रम में खंड शिक्षा अधिकारी भिलंगना श्री शशिकांत अंथवाल, डीआरपी रमसा श्री रामगोपाल गंगवार, इन्सपायर अवार्ड कॉर्डिनेटर जाखणीधार से सुशील डोभाल, जौनपुर से ताजवर सिंह नेगी, चंबा से मनोज किशोर बहुगुणा, कीर्तिनगर से विजय मोहन गैरोला, भिलंगना से आसुतोष सकलानी साइंस कॉर्डिनेटर जौनपुर श्री कमलेश सकलानी, गबर सिंह नेगी और बगियाल जाखणीधार, कलम सिंह गुसाईं देवप्रयाग, सूर्यकांत तिवारी व उस्मान अहमद जीआईसी खांकर, जयराम कुशवाह जीआईसी फकोट, डॉ मोहम्मद इलयास, आदि ने विचार व्यक्त किये।



जिला स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का हुआ आयोजन

11 सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओं का राज्य स्तर हेतु चयन

टिहरी गढ़वाल। यूकॉस्ट एवं स्पेक्स के तत्वावधान में जिला स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2018 जनपद टिहरी गढ़वाल का जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नई टिहरी टिहरी गढ़वाल में सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन खंड शिक्षाधिकारी कीर्तिनगर डॉ0 सुरेन्द्र सिंह नेगी, प्राचार्य डायट नई टिहरी के प्रतिनिधि डॉ0 बीर सिंह रावत, जिला समन्वयक श्री मनोज किशोर बहुगुणा, सह समन्वयक डॉ0 मनवीर सिंह नेगी, अकादमिक समन्वयक डॉ0 अशोक कुमार बडोनी द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में बाल वैज्ञानिकों ने इस वर्ष के लिए निर्धारित मुख्य विषय स्वच्छ, हरित एवं स्वस्थ राष्ट्र हेतु विज्ञान, तकनीक एवम नवाचार के अंतर्गत पांच उपविषयों पर अपनी अपनी परियोजनाओं का प्रस्तुतिकरण किया। कार्यक्रम में जनपद के विभिन्न विकास खंडों से आये 37 समूहों द्वारा परियोजनाएं प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम के समापन एवं पुरुष्कार सत्र में मुख्य अतिथि डॉ0 सुरेन्द्र सिंह नेगी, जिला समन्वयक श्री मनोज किशोर बहुगुणा एवं समस्त ब्लॉक समन्वयकों डॉ0 विजयमोहन गैरोला (कीर्तिनगर), डॉ0 बिजय किशोर बहुगुणा (चम्बा), राजेश चमोली (थौलधार), श्रीमती रश्मि परमार (जौनपुर), सूर्यकांत तिवाड़ी (नरेंद्रनगर), कुशाल सिंह बगियाल (जाखणीधार), तेजेन्द्र जयाडा (प्रतापनगर) द्वारा प्रतिभागी बाल वैज्ञानिकों को पुरष्कृत किया गया। जनपद से 11 परियोजनाओं का चयन विज्ञान धाम देहरादून में होने वाले राज्य स्तरीय आयोजन के लिए किया गया।

सीनियर वर्ग में अनीष राणा राजकीय इंटर कालेज बोरगांव, तानिया एवं प्रियंका रा0इ0का0 खरसाड़ा, अमीषा रा0इ0का0 प्रतापनगर, संगीता बिष्ट रा00इ0का0 कांडीखाल, सिमरन रा0इ0का0 मंजाकोट चौरास, अनूप पेटवाल रा0इ0का0 रजाखेत एवं जूनियर वर्ग में प्रियांशी डबराल रा0इ0का0 कांडीखाल, गौरव सुयाल रा0इ0का0 नागदेव पथल्ड, अंकेश डबराल रा0उ0मा0वि0 बादशाहीथौल एवं कु0 साक्षी रा0इ0का0 नागराजाधार नगुण की परियोजनाओं का चयन राज्य स्तरीय प्रतिभाग हेतु हुआ । इस कार्यक्रम में श्री विनोद सैंसवाल, कमल सिंह बिष्ट, दीपक बहुगुणा, जगदंबा प्रसाद पांडेय, ओमप्रकाश बिजल्वाण, सुरेन्द्र सिंह बिष्ट, सरिता नौटियाल, आरती सकलानी, श्वेता बौंठियाल, श्रीमती मंजू बहुगुणा, सविता उनियाल, रजनी पांडेय, शालिनी रौतेला सहित कई मार्गदर्शक शिक्षक/ शिक्षिकाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। सभी प्रतिभागियों के साथ साथ राज्य स्तर हेतु चयनित प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं पुरुष्कार भी प्रदान किये गए। खंड शिक्षा अधिकारी कीर्तिनगर डॉ0 सुरेन्द्र सिंह नेगी जो कि उद्घाटन से लेकर समापन तक लगातार कार्यक्रम में मौजूद रहे एवं प्रत्येक प्रस्तुति का गहनता से अवलोकन किया, का सभी उपस्थित विज्ञान शिक्षको एवं प्रतिभागियों द्वारा आभार व्यक्त किया गया और कहा कि आज के दौर में शिक्षा के उन्नयन के लिए ऐसे ही अधिकारियों की आवश्यकता है।

जारी है...

Tuesday, 27 November 2018

इन्सपायर अवार्ड में टिहरी के बाल वैज्ञानिकों ने लहराया परचम




इन्सपायर अवार्ड में टिहरी के बाल वैज्ञानिकों ने लहराया परचम।


राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार से 5 बाल वैज्ञानिकों के चयन सहित विकासखंड जाखणीधार से रिकॉर्ड बाल वैज्ञानिकों (110 से अधिक) के चयन होने पर इंस्पायर अवॉर्ड टीम से जुड़े  मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक व प्रारंभिक, खंड शिक्षा अधिकारी/उपशिक्षा अधिकारी, समस्त संस्थाध्यक्षों, मार्गदर्शक शिक्षकों, बाल वैज्ञानिक छात्रों तथा अभिभावकों को बहुत-बहुत बधाइयां।  विकासखण्ड जाखणीधार के बाल वैज्ञानिकों को डीएसटी द्वारा ₹1100000 से अधिक की धनराशि भेजी गई है। सभी चयनित बाल वैज्ञानिकों की बैंक खातों में अवॉर्ड धनराशि ₹10000 प्रति छात्र के दर से डीएसटी द्वारा ऑनलाइन प्रेषित की गई है बाल वैज्ञानिक छात्र व उनके मार्गदर्शक शिक्षक धनराशि प्राप्ति की पुष्टि कर लेवें।
पुनः शुभकामनाओं सहित हार्दिक बधाइयां
          सुशील डोभाल, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर इंस्पायर अवॉर्ड जाखणीधार, टिहरी गढ़वाल

चयनितों की सूची


*Inspire Award Manak 2018-19*
     📌       *Important Notice*       📌
समस्त School Authorities को अवगत करवाना है कि Inspire Award कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित बाल वैज्ञानिकों के बैंक खातों में अवार्ड की धनराशि 10000₹ प्रति छात्र Department of Science and technology, Govt. Of India द्वारा online प्रेषित की जा चुकी है। सम्बन्धित चयनितों के बैंक खातों में धनराशि प्राप्ति की पुष्टि कर ली जाय। कतिपय चयनित बाल वैज्ञानिकों के बैंक खातों में Bank detail validation failed होने के कारण धनराशि खातों में नही पहुंच पाई है। ऐसे प्रकरणों में School Authorities द्वारा अविलम्ब बैंक खातों का detail update किया जाना है, इस प्रक्रिया के बाद ही खाते में धनराशि पहुंच पाएगी। अधिक जानकारी के लिए हमारी ई-पत्रिका *"हिमवंत"* के लिंक पर यहां क्लिक करें।
            *Sushil Dobhal, co-ordinator Inspire Award Manak. Jakhnidhar 📌Tehri Garhwal Uttarakhand.*📌
http://jakhnidhargic.blogspot.com/2018/11/blog-post_27.html?m=2
                  Whatsapp.9412920543

जारी है..(पूरी खबर शीघ्र पोस्ट की जा रही है)

Wednesday, 21 November 2018

सड़क पर सीबर का सैलाब,

नई टिहरी-भागीरथीपुरम सड़क मार्ग पर पांगरखाल बैंड के पास विगत 2 माह से सीवर के सैलाब से जहां आवागमन करने वाले लोगों को भारी परेशानी हो रही है वहीं सड़क भी क्षतिग्रस्त हो रही है। सीबर की गंदगी से स्थानीय निवासियों को भारी परेशानियां हो रही हैं और इससे पर्यावरण भी दूषित हो रहा है।

       नई टिहरी नगर के लिए भागीरथीपुरम से नीचे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट दो दशक पूर्व तैयार किया गया था, जिसमे  शहर का सीबर सड़क मार्ग के किनारे सीवर लाइन द्वारा ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाता है किंतु विगत 2 माह पूर्व पांगरखाल बैंड के पास सीवर लाइन के चेंबर के फट जाने से शहर का सीबर सड़क पर फैल रहा है। सुबह के समय सीवर लाइन में तेज बहाव होने के कारण दोपहर 1:00 बजे तक लगभग आधा किलोमीटर तक सड़क पर सीवर फेला रहने के कारण राहगीरों को जहां तमाम असुविधाएं हो रही है वहीं इससे आसपास का पर्यावरण भी दूषित हो रहा है।

 सीवर की गंद से स्थानीय निवासियों का जीना दूभर हो रहा है। सीबर के सड़क पर बहने से सड़क पर जहां-तहां गड्ढे बन गए हैं और डामर उखड़ रही है।  इस स्थान पर लंबे समय से सीबर के चेंबर के क्षतिग्रस्त रहने के कारण सीबर स्थानीय पानी के स्रोतों में जाकर मिल रहा है जिससे पानी भी दूषित हो रहा है।

          जनपद मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर सड़क पर सीवर के इस सैलाब को न तो स्थानीय जनप्रतिनिधि गंभीरता से ले रहे हैं और ना ही जिला प्रशासन। सड़क पर सीवर के फैलाव के कारण सड़क को हो रही क्षति को लेकर लोक निर्माण विभाग भी मौन धारण किए हुए हैं तो अभी तक जल संस्थान द्वारा भी चैंबर की मरम्मत का प्रयास नहीं किया गया। जिस कारण यहां पर रोज दोपहर तक सीबर के फव्वारे से गंदगी सड़क पर फैल रही है।


Thursday, 15 November 2018

इस किलर बैंड पर चट्टान बन रही है मुसीबत।

नई टिहरी - देवप्रयाग मोटर मार्ग पर टिपरी से 3 किलोमीटर आगे सड़क के एक मोड़ पर बरसों से यह चट्टान किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता दे रही है। सड़क के इस किलर बैंड पर ऊपर चट्टान और नीचे खाई वाहन चालकों को संभलने का मौका नहीं देती जिसकारण अभी तक दर्जनों लोगों के लिए यह मुसीबत का सबब बन चुकी है।
      टिपरी से तीन किमी आगे सड़क के इस मोड़ के किनारे कुछ वर्षो पहले बरसात के दौरान यह चट्टान खिसक कर आ पहुंची थी। उस समय चट्टान का एक हिस्सा जेसीवी के काटकर सड़क तो एक ओर से खोल दी गयी किन्तु मोड़ से लगी चट्टान का बड़ा हिस्सा मलबे के साथ वहीं छोड़ दिया गया। मोड़ के एक तरफ मलबा ओर चट्टान होने के कारण आने जाने वाले वाहन चालक इस चट्टान की वजह से दूसरी ओर से आते जाते वाहनों को नहीं देख पाते, जिस कारण आए दिन यहां पर वाहनों की भिड़ंत होना आम बात हो चुकी है। सड़क किनारे वाहनों के टकराने से कारण जहां तहां वाहनों  के शीशे और प्लास्टिक आदि के टूटे फूटे अवशेष बिखरे पड़े रहते हैं। इस स्थान पर नीचे की ओर गहरी खाई है जो कोटेश्वर बांध की झील से लगी हुई है जिससे जोखिम और भी बढ़ जाता है।

        यह संयोग ही है कि अभी तक इस मोड़ पर कोई बड़ी दुर्घटना नही हुई और यही कारण है कि लोक निर्माण विभाग को अभी तक दानव रूपी यह चट्टान नजर नहीं आई है स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से अनेक बार इस स्थान पर चट्टान को सड़क से हटाने के लिए निवेदन किया जा चुका है, किंतु राहगीरों के लिए मुसीबत का सबब बनी इस चट्टान को हटाने की जहमत न तो अभी तक स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उठाने की कोशिस की है और न हीं संबंधित विभाग द्वारा। इसे देखकर ऐसा ही लगता है मानो यह चट्टान बड़े हादसे को न्योता दे रही है और सम्बन्धित विभाग और जिला प्रशासन भी यहां पर किसी बड़ी आपदा के इंतजार कर रहे हैं।

 जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर की दूरी पर इस इस मोड़ से रोज दर्जनों विशिष्ट लोग अधिकारी, कर्मचारी और जनप्रतिनिधि आवागमन करते हैं किंतु आश्चर्यजनक बात है कि चट्टान के रूप में इस संभावित आपदा को दूर करने का किसी के द्वारा प्रयास नहीं किया जा रहा है

Wednesday, 31 October 2018

राजकीय इंटर कालेज जाखणीधार में राष्ट्रीय एकता दिवस पर अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन

 प्रवक्ता अर्थशास्त्र सुशील डोभाल द्वारा प्रस्तुत आख्या

   भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्ल्भ भाई पटेल के जन्मदिन के उपलक्ष में राजकीय इंटर कालेज जाखणीधार में राष्ट्रीय एकता दिवस का आयोजन हर्षोल्लास के साथ किया गया. राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए भारत ही नहीं दुनियाभर में अपना लोहा मनवाने वाले सरदार पटेल के योगदान को याद करते हुए एकता और अखंडता का संकल्प लिया गया. इस अवसर पर विद्यालय में भाषण, निवंध, स्लोगन तथा पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया.
एकता और अखंडता के लिए पतिज्ञा
      प्रधानाचार्य श्री महावीर सिंह परमार ने विद्यार्थियों को बताया की भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को वैचारिक एवं क्रियात्मक रूप में एक नई दिशा देने की वजह से सरदार पटेल ने राजनीतिक इतिहास में एक अत्‍यंत गौरवपूर्ण स्थान पाया।  उनके योगदान को ध्यान में रखते हुए गुजरात में नर्मदा नदी के सरदार सरोवर बांध के सामने सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची लौह प्रतिमा का निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी सरदार पटेल की 137वीं जयंती पर इस प्रतिमा को आज राष्ट्र को स‍मर्पित कर रहे हैं। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। इस प्रतिमा का नाम एकता की मूर्ति (स्टेच्यू ऑफ यूनिटी) रखा गया है।
निवन्ध प्रतियोगिता
      राजकीय इंटर कॉलेज जाख्निधार में राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर आज विद्यालय में भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्ल्भ भाई पटेल के योगदान को याद करते हुए समस्त शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रीय एकता के शपथ लेते हुए सरदार पटेल के आदर्शों का अनुसरण करने का आवाहन किया गया. कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रधानाचार्य द्वारा दीप प्रज्वातित एवं छात्राओं द्वारा मां शारदे की वन्दना से हुआ. समस्त शिक्षकों व सदन प्रमुख छात्र-छात्राओं द्वारा सरदार पटेल को श्रधांजली अर्पित की गयी. इस अवसर पर समस्त शिक्षकों कर्मचारियों एवं छात्रों द्वारा राष्ट्रीय एकता की शपथ भी ली गयी.
एकताके लिए प्रतिज्ञा
कार्यक्रम का संचालन करते हुए वरिष्ट शिक्षक एवं राजकीय शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष श्री दिनेश प्रसाद डंगवाल ने कहा की भारत के एकीकरण में उनके महान योगदान के लिए उन्हे भारत का 'लौहपुरुष' के रूप में जाना जाता है। सरदार पटेल की महानतम देन थी की उन्होंने बिना खून खराबे के 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण किया. केवल हैदराबाद के 'ऑपरेशन पोलो' के लिए उन्हें सेना भेजनी पड़ी। इस अवसर पर विधालय के शिक्षक श्री राजेश कुमार उपाध्याय, कक्षा १२ की छात्रा कुमारी किरण अमोला, बबिता, मोनिका, विजय और प्रिया पालीवाल आदि ने भी सरदार वल्ल्भ भाई पटेल के योगदान पर भाषण प्रस्तुत किये तथा निवंध, स्लोगन तथा चित्रकला आदि की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गयी.
मंचासीन शिक्षक व अतिथिगण


आइए जानते हैं सरदार वल्लभ भाई पटेल के बारे में 10 बातें-
1. सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ। वे खेड़ा जिले के कारमसद में रहने वाले झावेर भाई और लाडबा पटेल की चौथी संतान थे। 1897 में 22 साल की उम्र में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। वल्लभ भाई की शादी झबेरबा से हुई। पटेल जब सिर्फ 33 साल के थे, तब उनकी पत्नी का निधन हो गया।


2. सरदार पटेल अन्याय नहीं सहन कर पाते थे। अन्याय का विरोध करने की शुरुआत उन्होंने स्कूली दिनों से ही कर दी थी। नडियाद में उनके स्‍कूल के अध्यापक पुस्तकों का व्यापार करते थे और छात्रों को बाध्य करते थे कि पुस्तकें बाहर से न खरीदकर उन्हीं से खरीदें। वल्लभभाई ने इसका विरोध किया और छात्रों को अध्यापकों से पुस्तकें न खरीदने के लिए प्रेरित किया। परिणामस्वरूप अध्यापकों और विद्यार्थियों में संघर्ष छिड़ गया। 5-6 दिन स्‍कूल बंद रहा। अंत में जीत सरदार की हुई। अध्यापकों की ओर से पुस्तकें बेचने की प्रथा बंद हुई।
3. सरदार पटेल को अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने में काफी समय लगा। उन्होंने 22 साल की उम्र में 10वीं की परीक्षा पास की। सरदार पटेल का सपना वकील बनने का था और अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्हें इंग्लैंड जाना था, लेकि‍न उनके पास इतने भी आर्थिक साधन नहीं थे कि वे एक भारतीय महाविद्यालय में प्रवेश ले सकें। उन दिनों एक उम्मीदवार व्यक्तिगत रूप से पढ़ाई कर वकालत की परीक्षा में बैठ सकते थे। ऐसे में सरदार पटेल ने अपने एक परिचित वकील से पुस्तकें उधार लीं और घर पर पढ़ाई शुरू कर दी।
4. बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहां की महिलाओं ने 'सरदार' की उपाधि प्रदान की। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को 'भारत का बिस्मार्क' और 'लौहपुरुष' भी कहा जाता है। सरदार पटेल वर्णभेद तथा वर्गभेद के कट्टर विरोधी थे।

5. इंग्‍लैंड में वकालत पढ़ने के बाद भी उनका रुख पैसा कमाने की तरफ नहीं था। सरदार पटेल 1913 में भारत लौटे और अहमदाबाद में अपनी वकालत शुरू की। जल्द ही वे लोकप्रिय हो गए। अपने मित्रों के कहने पर पटेल ने 1917 में अहमदाबाद के सैनिटेशन कमिश्नर का चुनाव लड़ा और उसमें उन्हें जीत भी हासिल हुई।
6. सरदार पटेल गांधीजी के चंपारण सत्याग्रह की सफलता से काफी प्रभावित थे। 1918 में गुजरात के खेड़ा खंड में सूखा पड़ा। किसानों ने करों से राहत की मांग की, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने मना कर दिया। गांधीजी ने किसानों का मुद्दा उठाया, पर वो अपना पूरा समय खेड़ा में अर्पित नहीं कर सकते थे इसलिए एक ऐसे व्यक्ति की तलाश कर रहे थे, जो उनकी अनुपस्थिति में इस संघर्ष की अगुवाई कर सके। इस समय सरदार पटेल स्वेच्छा से आगे आए और संघर्ष का नेतृत्व किया।

7. गृहमंत्री के रूप में उनकी पहली प्राथमिकता देसी रियासतों (राज्यों) को भारत में मिलाना था। इस काम को उन्होंने बिना खून बहाए करके दिखाया। केवल हैदराबाद के 'ऑपरेशन पोलो' के लिए उन्हें सेना भेजनी पड़ी। भारत के एकीकरण में उनके महान योगदान के लिए उन्हे भारत का 'लौहपुरुष' के रूप में जाना जाता है। सरदार पटेल की महानतम देन थी 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण करना। विश्व के इतिहास में एक भी व्यक्ति ऐसा न हुआ जिसने इतनी बड़ी संख्या में राज्यों का एकीकरण करने का साहस किया हो। 5 जुलाई 1947 को एक रियासत विभाग की स्थापना की गई थी।
8. सरदार वल्लभभाई पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते। वे महात्मा गांधी की इच्छा का सम्मान करते हुए इस पद से पीछे हट गए और नेहरूजी देश के पहले प्रधानमंत्री बने। देश की स्वतंत्रता के पश्चात सरदार पटेल उपप्रधानमंत्री के साथ प्रथम गृह, सूचना तथा रियासत विभाग के मंत्री भी थे। सरदार पटेल के निधन के 41 वर्ष बाद 1991 में भारत के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान भारतरत्न से उन्‍हें नवाजा गया। यह अवॉर्ड उनके पौत्र विपिनभाई पटेल ने स्वीकार किया।
9. सरदार पटेल के पास खुद का मकान भी नहीं था। वे अहमदाबाद में किराए एक मकान में रहते थे। 15 दिसंबर 1950 में मुंबई में जब उनका निधन हुआ, तब उनके बैंक खाते में सिर्फ 260 रुपए मौजूद थे।

10. आजादी से पहले जूनागढ़ रियासत के नवाब ने 1947 में पाकिस्तान के साथ जाने का फैसला किया था लेकिन भारत ने उनका फैसला स्वीकार करने से इंकार करके उसे भारत में मिला लिया। भारत के तत्कालीन उपप्रधानमंत्री सरदार पटेल 12 नवंबर 1947 को जूनागढ़ पहुंचे। उन्होंने भारतीय सेना को इस क्षेत्र में स्थिरता बहाल करने के निर्देश दिए और साथ ही सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का आदेश दिया।

जम्मू एवं कश्मीर, जूनागढ़ तथा हैदराबाद के राजाओं ने ऐसा करना नहीं स्वीकारा। जूनागढ़ के नवाब के विरुद्ध जब बहुत विरोध हुआ तो वह भागकर पाकिस्तान चला गया और जूनागढ़ भी भारत में मिल गया। जब हैदराबाद के निजाम ने भारत में विलय का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया, तो सरदार पटेल ने वहां सेना भेजकर निजाम का आत्मसमर्पण करा लिया, किंतु कश्मीर पर यथास्थिति रखते हुए इस मामले को अपने पास रख लिया। 

साभार- https://hindi.webdunia.com/national-hindi-news

Tuesday, 23 October 2018

विज्ञान महोत्सव में राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार बना ऑवरआल चैम्पियन.

मार्गदर्शक शिक्षक श्री सुशील डोभाल के साथ विज्ञान ड्रामा के बालकलाकार
     विकासखंड स्तरीय विज्ञान महोत्सव कार्यक्रम आज राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार में संपन्न हुआ. कार्यक्रम में विकासखंड के समस्त माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के  छात्र-छात्राओं और  उनके मार्गदर्शक शिक्षकों द्वारा विभिन्न मॉडल आदि के साथ प्रतिभाग किया गया. प्रतियोगिता में राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार ओवरऑल चैंपियन रहा. उधर ब्लॉक स्तरीय क्रीडा प्रतियोगिता में भी विद्यालय से तीन विद्यार्थियों का जनपद के लिए चयन हुआ है.
मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों के साथ प्रधानाचार्य श्री परमार जी
          विकासखंड स्तरीय विज्ञान महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन 23 अक्टूबर को राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार में किया गया. कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी व प्रधानाचार्य राइका अंजनीसैन श्री एलपी भट्ट द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. इस अवसर पर छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गए. मुख्य अतिथि ने छात्र छात्राओं को विज्ञान विषय की उपयोगिता समझाते हुए कहाँ है की विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर नई खोज हो रही है और अनुसंधानों का यह क्रम अनंत काल तक चलता रहेगा. इस मौके पर आयोजक विद्यालय के प्रधानाचार्य महावीर सिंह परमार ने विद्यार्थियों से विज्ञान के छोटे छोटे पहलुओं को गंभीरता से समझने का आवाहन किया है. कार्यक्रम का संचालन राजकीय शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष श्री दिनेश प्रसाद डंगवाल ने किया.
विज्ञान ड्रामा "राधा की समझदारी" के बालकलाकार
            इस कार्यक्रम में विकासखंड की समस्त माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के दर्जनों प्रतिभागी छात्रों व शिक्षकों द्वारा  रोचक माडल्स के साथ प्रतिभाग किया गया. विज्ञान महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत विज्ञान प्रदर्शनी, विज्ञान मेला एवं विज्ञान ड्रामा का आयोजन अलग अलग सभागारों में किया गया. प्रतिभागी छात्र छात्राओं ने विज्ञान मेले के अंतर्गत अपने अपने विद्यालयों के अलग अलग स्टाल लगाये थे. कार्यक्रम में प्रतिभागियों द्वारा विज्ञानं प्रदर्शनी के अंतर्गत जीवन की चुनौतियों के लिए वैज्ञानिक समाधान  मुख्य विषय पर कृषि एवं जैविक खेती, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य, संसाधन प्रबंधन, अपशिष्ट प्रबंधन, परिवहन एवं संचार और गणितीय प्रतिरूपण पर बेहतरीन माडल्स प्रस्तुत किये. जवकि विज्ञान ड्रामा के अंतर्गत डिजिटल भारत पर राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार के बाल कलाकारों से अपने अभिनय से माहोल में रोचकता बना दी. छात्रों द्वारा साइवर अपराधों के प्रति सतर्क रखने के लिए बेहतर ढंग से नाटक के माध्यम से जनसामान्य को संदेश दिया गया .
विज्ञान ड्रामा के विजेताओं को पुरस्कृत करते हुए
      विज्ञान ड्रामा के अंतर्गत राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार के प्रवक्ता अर्थशास्त्र श्री सुशील डोभाल द्वारा निर्देशित विज्ञान नाटक "राधा की समझदारी" में बालकलाकार कुमारी प्रिया पालीवाल, रिया, सुष्मिता, सोनिया, मनीष और बबीता ने बेहतरीन अभिनय करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया. विज्ञान प्रदर्शनी में संसाधन प्रबंधन उप विषय के अंतर्गत इस विद्यालय की कक्षा १० की छात्रा कुमारी पूनम और निकिता प्रथम, राइका मदन नेगी से राहुल द्वितीय, गणितीय प्रतिरूप में राइका रजाखेत से अनूप पेटवाल प्रथम, राइका थालकाधार से हिमांशु द्वीतीय, उप विषय जैविक खेती में राइका भरेटीधार से साहिल भट्ट प्रथम, राइका अंजनी सैन से साहिल बिष्ट द्वितीय, उप विषय अपशिष्ट प्रबंधन में राइका रजाखेत से एकता पांडे ने प्रथम और राइका अंजनीसैन से सूर्य प्रकाश ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया.
प्रधानाचार्य श्री परमार जी को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए जीएस नेगी जी
            विज्ञान महोत्सव में तीनो  प्रतियोगिताओं में राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार ओवरआल चैम्पियन रहा. प्रतियोगिता में चयनित प्रतिभागियों और उनके मार्गदर्शक शिक्षको को मुख्य शिक्षा अधिकारी श्री डीसी गौड़, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक श्री शिव प्रसाद सेमवाल, जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक श्री सुदर्शन सिंह बिष्ट, खंड शिक्षा अधिकारी जाखणीधार श्री धनबीर सिंह, जिला विज्ञान संयोजक श्री अलख नारायण दूवे एवं राजकीय शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष श्री दिनेश प्रसाद डंगवाल ने बधाई दी है. इस अवसर पर राजकीय शिक्षक संघ के ब्लाक मंत्री श्री रजनीश नौटियाल ब्लॉक विज्ञान संयोजक केएस बगियाल व गबर सिंह नेगी, ब्लाक कोर्डिनेटर इंस्पायर अवार्ड सुशील डोभाल, एमएस पंवार, पंकज डंगवाल, राकेश नेगी, बीडी बिजल्वान, बिरेन्द्र राजपूत, यशपाल सिंह राणा, संजीब नेगी, अरबिंद बहुगुणा, दिनेश रावत, सुनील बिष्ट, मोहम्मद इलयास, श्रीमती लक्ष्मी तनवर आदि मार्गदर्शक शिक्षक मौजूद थे. उधर ब्लॉक स्तरीय क्रीडा प्रतियोगिता में भी विद्यालय से तीन विद्यार्थियों का जनपद के लिए चयन हुआ है.उक्त आशय की जानकारी देते हुए ब्लाक क्रीडा संयोजक श्री दिनेश रावत ने बताया है की राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार से कक्षा 11 के छात्र दुर्गेश पेटवल और सौरव पंवार तथा कक्षा 10 की छात्र कुमारी ऐश्वर्या का चयन बालीबाल प्रतियोगिता में जनपद के लिए हुआ है. जनपदीय प्रतियोगिता 25 व 26 अक्टूबर को राइका कीर्तिनगर में आयोजित की जा रही है.




राजकीय शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष श्री दिनेश प्रसाद डंगवाल का बैज अलंकरण करते हुए मोहम्मद इलयास

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