Sunday, 24 February 2019
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन यहाँ करें.
प्रिय पाठकों, केंद्र
सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना की
सफलता को देखते हुए उत्तराखंड सरकार द्वारा अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना आरंभ की गई है| इस योजना का लाभ केवल उत्तराखंड राज्य के नागरिक ही उठा सकते हैं| राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में प्रदेश के हर परिवार को निशुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी। सरकारी और निजी अस्पताल में उपचार के लिए किसी को भी परेशान नहीं होना पड़ेगा। इस पोस्ट के माध्यम से अटल आयुष्मान योजना की विशेषताएं और आवेदन की प्रक्रिया आप तक पहुंचने का प्रयास कर रहा हूँ, साथ ही आपकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए योजना से संबंधित उपयोगी Links भी उपलव्ध करवा रहा हूँ। किसी भी तरह की जानकारी के लिए आप पोस्ट के अंत मे कमेंट कर सकते हैं।
यह योजना आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana)
की तरह ही है| परंतु उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा इस योजना में कुछ बदलाव
किए गए हैं| अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना (AAUY) द्वारा पीएम जन आरोग्य
योजना (PMJAY) में लगभग 18 लाख नए परिवारों को जोड़ा जाएगा| इस अटल
आयुष्मान उत्तराखंड योजना (Atal Ayushman Uttarakhand Yojana) के तहत
राज्य के नागरिक किसी भी सरकारी तथा प्राइवेट अस्पताल में अपना मुफ्त में
इलाज करवा सकते हैं| अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना (Atal Ayushman
Uttarakhand Yojana) द्वारा हर वर्ष प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपए तक का
स्वास्थ्य बीमा प्रदान करवाया जा रहा है.
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना विवरण (Details of Atal Ayushman Uttarakhand Yojana)
उत्तराखंड
की कैबिनेट मीटिंग पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल
बिहार वाजपेयी (Shri Atal Bihari Vajpayee) जी के लिए 2 मिनट का मौन रखकर
शुरू की गई थी। उनका निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था। कैबिनेट समिति के
सर्वसम्मति से आयुष्मान उत्तराखण्ड़ स्वास्थ्य बीमा योजना (Ayushman
Uttarakhand Health Insurance Scheme) का नाम बदलने पर फैसला किया है। तो,
अब इस योजना का नया नाम अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना (Atal Ayushman
Uttarakhand Yojana) होगा और इस योजना को कैबिनेट द्वारा मंजूरी मिल गई है।
यह योजना देश भर में 25 सितंबर 2018 से शुरू होगी।
- राज्य सरकार ने पहले से ही 5 लाख रुपये तक बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी (National Health Agency) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। लोग राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण मिशन (NHPM) पैकेज दरों पर इलाज पाने के हकदार होंगे। सूचीबद्ध अस्पतालों के माध्यम से लाभार्थियों को स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) कवरेज मिलेगा। 2.6 लाख सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों, सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके आश्रितों को इस योजना के लाभ मिलने की उम्मीद है।
- सभी राज्य सरकारी कर्मचारी राज्य के बाहर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) के तहत भी इलाज का लाभ उठा सकते हैं। सरकार ने अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना (AAUY Scheme) का लाभ उठाने के लिए कर्मचारियों से वार्षिक योगदान भी तय किया है।
कैबिनेट
की मंजूरी के बाद, जोखिम कवर के तहत लगभग 1350 बीमारियों और स्वास्थ्य
रोगों को शामिल किया गया है। आज तक, इस योजना के तहत 56 सरकारी अस्पतालों
और 6 निजी अस्पतालों (56 Govt Hospitals & 6 Pvt Hospitals) को
सूचीबद्ध किया गया है।
उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारी और सेवा निवृत्त कर्मचारी आवेदन के लिए यहाँ क्लिक करें.योजना के लिए अपने परिवार के पात्रता जानने के लिए यहाँ क्लिक करें
Click here for Atal Ayushman Uttarakhand Yojana - App from Google Play
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना की वेबसाईट पर यंहां क्लिक करें.
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लाभ हेतु पंजीकरण फॉर्म
अस्पतालों की सूची देखने के लिए यहाँ क्लिक करें.
Packages & Rates
List of Disease Covered
आगे जानिए सारे सवालों के जवाब
गोल्डन कार्ड कैसे बनेगा? इसके लिए कहां जाना होगा?
-अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर और सरकारी अस्पताल में जाकर गोल्डन कार्ड बनवाया जा सकता है। इसके लिए आपका नाम पात्रता सूची में होना अनिवार्य है।
गोल्डन कार्ड बनाने पर कितना खर्च आएगा?
-कॉमन सर्विस सेंटर पर कार्ड बनाने के लिए 30 रुपये शुल्क देना होगा। कार्ड न होने पर फिलहाल उपचार के लिए सीधे अस्पताल जा सकते हैं। मुख्यमंत्री की ओर से जारी पत्र के साथ कोई भी मान्य आईडी होने पर उपचार की सुविधा मिलेगी।
क्या प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को अटल आयुष्मान योजना का लाभ मिलेगा?
-2012 के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थी और 2012 में मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने वाले सभी परिवारों को योजना का लाभ मिलेगा। इसके अलावा प्रदेश के जिन लोगों के नाम दर्ज नहीं है, उनको भी जांच के बाद योजना का लाभ मिल सकता है। इसमें एपीएल, बीपीएल जैसी कोई शर्त नहीं है।
अगर वोटर लिस्ट में नाम न हो तो क्या लाभ नहीं मिलेगा?
-2012 की मतदाता सूची में जिन लोगों का नाम शामिल था, अगर उनके पास उस समय का वोटर आईडी कार्ड है, तो उन्हें निश्चित लाभ मिलेगा। अगर उस समय नाम नहीं था और बाद में जोड़ा गया, तो उन्हें राशन कार्ड और परिवार रजिस्टर की नकल जैसे दस्तावेज देने होंगे।
क्या इसके लिए किसी दस्तावेज की आवश्यकता होगी।
-नहीं। राशन कार्ड या वोटर आईडी कार्ड के द्वारा लाभार्थी का नाम सूची में देखा जा सकता है। योजना के लिए किसी अतिरिक्त दस्तावेज की जरूरत नहीं है।
सरकारी नौकरी और पेंशनरों को कैसे लाभ मिलेगा?
-राज्य सरकार की नौकरी करने वालों और पेंशनरों के लिए 26 जनवरी 2019 से अंशदायी योजना की शुरूआत की जा रही है। इसके तहत उन्हें असीमित उपचार की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इसके लिए उनसे पदक्रम के अनुसार बेहद मामूली अंशदान लिया जाएगा।
कोई व्यक्ति योजना में शामिल है या नहीं, इसकी जानकारी कैसे मिलेगी?
-योजना की वेबसाइट आयुष्मान उत्तराखंड डाट ओआरजी (ayushmanuttarakhand.org) पर पात्रता सूची देखी जा सकती है। यहां सूचीबद्ध अस्पतालों की सूची भी है। इसका मोबाइल एप भी डाउनलोड कर इस्तेमाल कर सकते हैं। राशन कार्ड नंबर डालकर भी अपने परिवार का नाम देखा जा सकता है।
परिवार को मुख्यमंत्री की ओर से जारी पत्र कैसे मिलेगा?
-आशाओं के माध्यम से यह पत्र परिवारों को भेजे जाएंगे। आशाएं घर-घर जाकर यह पत्र देंगी। बाद में उनके गोल्डन कार्ड बनाकर दिए जाएंगे।
जिन लोगों के पास मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (एमएसबीवाई) का कार्ड है, उनका क्या होगा?
-वह सभी लोग जो एमएसबीवाई में शामिल रहे, इस योजना से आच्छादित हैं। अगर उन्हें अपना नाम देखना है तो वह वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं। जैसे ही एमएसबीवाई कार्ड का नंबर डालेंगे, उनका नाम आ जाएगा।
जिन लोगों के नाम नाम पात्रता सूची में नहीं है, वह कैसे जोड़े जा सकते हैं?
-उत्तराखंड के निवासी जिनके पास 2012 का राशन कार्ड व वोटर आईडी कार्ड है और नाम पात्रता सूची में नहीं है तो उन्हें परिवार रजिस्टर के दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। स्थानीय स्तर पर जांच के बाद वे वेबसाइट पर खुद पंजीकरण करा सकते हैं।
2011 के बाद जो लोग नौकरी या अन्य कारणों से राज्य में आए हैं, उनका क्या होगा?
-जो उत्तराखंड के निवासी हैं, उन्हें अटल आयुष्मान योजना का लाभ मिलेगा। सरकारी या निजी वर्ग के नौकरी पेशा लोगों के लिए ईएसआई, ईसीएचएस जैसी योजनाएं हैं। वैसे सरकारी अस्पतालों में तो उपचार मुफ्त उपलब्ध है, लेकिन उन्हें अटल आयुष्मान का लाभ नहीं मिलेगा।
योजना में निजी अस्पतालों पर निगरानी की क्या व्यवस्था रहेगी?
-इसके लिए विभागीय स्तर पर एक थर्ड पार्टी पैनल की व्यवस्था की जा रही है। यह पैनल दस्तावेजों की जांच के बाद बिल पेमेंट करेगी। साथ ही किसी भी अस्पताल के दस्तावेजों की जांच करेंगे। उसके अलावा फीडबैक की व्यवस्था भी की जा रही है। इसके जरिये निजी अस्पतालों के उपचार पर पूरी नजर रखी जाएगी।
निजी अस्पताल स्कीम या बीमा के मामलों में अनावश्यक जांच कराते हैं व मरीज को ज्यादा दिन रोकते हैं?
-थर्ड पार्टी पैनल हर उपचार पर नजर रखेगी। अगर यह देखा जाता है कि अनावश्यक जांच की गई या मरीजों को अनावश्यक रोका गया, तो ऐसे मामलों में निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।
योजना लागू होने के बाद क्या सरकारी अस्पतालों की बेहतरी के लिए काम नहीं होगा?
-ऐसा नहीं है। इस योजना में भी हमने सरकारी अस्पतालों के लिए प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की है। सरकारी अस्पताल जो भी उपचार करेंगे, उसका 35 फीसदी उन्हें दिया जाएगा। इसके अलावा चिकित्सकों व अन्य स्टाफ को 15 फीसदी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
किडनी ट्रांसप्लांट जैसे महंगे उपचार के मामले में क्या होगा?
-इस योजना में केवल पांच लाख रुपये तक का ही उपचार मिलेगा। किडनी ट्रांसप्लांट जैसे कुछ महंगे उपचार हैं, जिनका खर्च पांच लाख से ज्यादा है। ऐसे मामलों के लिए व्याधि निधि समेत सरकार की अन्य व्यवस्थाएं हैं।
महिलाओं के लिए योजना में क्या खास है?
-इसमें पूरे परिवार को एक यूनिट माना गया है। महिला और पुरुष के लिए कुछ अलग-अलग नहीं किया गया है। लेकिन, जिस तरह से हमारा सामाजिक ताना-बाना है, उस लिहाज से निश्चित तौर पर यह योजना महिलाओं के लिए वरदान साबित होगी।
Friday, 22 February 2019
सिर्फ 20 रुपये में खरीदें 1 लाख का इंश्योरेंस, प्रक्रिया पूरी होगी केवल 10 सेकंड में.
MobiKwik ने ICICI प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के साथ साझेदारी में माइक्रो इंश्योरेंस प्रोडक्ट लॉन्च की है. इसी के अंतर्गत देश की बड़ी डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेज प्लेटफॉर्म MobiKwik ने अपने यूजर्स के लिए ऐप पर डिजिटल लाइफ इंश्योरेंस की शुरुआत की है. मोबिक्विक ने ICICI प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के साथ साझेदारी में माइक्रो इंश्योरेंस प्रोडक्ट लॉन्च की है. कंपनी ग्राहक को 20 रुपये मासिक प्रीमियम पर 1 लाख रुपये का लाइफ इंश्योरेंस ऑफर कर रही है.
इतना देना होगा प्रीमियम
MobiKwikकी तरफ से शुरू की गई लाइफ इंश्योरेंस में ग्राहकों को तीन इंश्योरेंस विकल्प मिलेंगे. इसमें आप 20, 30 और 40 रुपये मासिक प्रीमियम पर लाइफ इंश्योरेंस खरीद सकते हैं. 20 रुपये के प्रीमियम में 1 लाख, 30 रुपये में 1.5 लाख रुपये और 40 रुपये मासिक प्रीमियम पर 2 लाख रुपये की इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते हैं.
10 सेकंड में खरीदें पॉलिसी
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए आपको अपने मोबाइल में मोबिक्विक ऐप डाउनलोड करना होगा, जिसके बाद आप इस पॉलिसी का फायदा उठा पाएंगे. यह प्रोसेस पेपरलेस और 2 स्टेप प्रोसेस है जिसे पूरा करने में सिर्फ 10 सेकंड लगेगा और इंश्योरेंस पॉलिसी इश्यू हो जाएगा.
EVERYTHING YOU NEED TO KNOW ABOUT MOBIKWIK
A. What is MobiKwik?
MobiKwik is India’s largest independent mobile payments network that connects over 30 million users with 75,000 retailers. It allows you to shop at your favorite stores, pay bills, recharge, send money and accept payments with 1-tap
B. Why should I use MobiKwik?
Remember the time you had to sweat it out just to a get a bus ticket? Or the time when you wasted your entire day standing in the queue for an electricity bill payment, only to realize your wallet has been stolen!
Time to forget the cash and pay in a flash! Now you can make instant bill payments, recharges or shop at your favorite stores just with 1-tap! Not only this, you can avail great offers, get cashback on every transaction you do with MobiKwik.
C. Is my money safe with MobiKwik?
Absolutely. MobiKwik is much easier (and much safer) to use than your physical wallet. RBI certified, we have built our technology using multilayer of security and fraud prevention codes. It is as safe as any online bank. Each and every penny stored in your MobiKwik Wallet is well accounted for and is absolutely safe to use.
Sushil Dobhal. |
Aadhaar में अब सिर्फ एक ही बार कर सकेंगे Date of birth अपडेट, जानें क्या है नियम और शर्तें
अगर आपका आधार (Aadhaar) बन चुका है लेकिन डेट ऑफ बर्थ यानी जन्मतिथि गलत हो गई है तो यह केवल एक बार ही सही हो सकती है. इस बात की जानकारी आधार जारी करने वाली अथॉरिटी UIDAI ने दी है.
Aadhaar में अब सिर्फ एक ही बार कर सकेंगे ये अपडेट, जानें क्या है नियम और शर्तें
अगर आपके आधार में हुई है ये गलती तो अब आपके पास उसको बदलवाने का एक ही मौका है. हम बात कर रहे हैं डेट ऑफ़ बर्थ की. अगर आपका आधार (Aadhaar) बन चुका है लेकिन डेट ऑफ बर्थ यानी जन्मतिथि गलत हो गई है तो यह केवल एक बार ही सही हो सकती है. इस बात की जानकारी आधार जारी करने वाली अथॉरिटी UIDAI ने दी है. UIDAI ने अपने ट्वीट में कहा है कि आधार कार्ड की डिटेल्स में डेट ऑफ बर्थ केवल एक बार ही अपडेट कराई जा सकती है. आधार में एड्रेस को छोड़कर बाकी किसी भी तरह के अपडेशन के लिए आधार केन्द्र जाना होता है. इसलिए डेट ऑफ बर्थ भी आधार केन्द्र जाकर ही ठीक कराई जा सकती है. इसके लिए अपने साथ डेट ऑफ बर्थ के प्रमाण के तौर पर वैलिड डॉक्युमेंट साथ लेकर जाएं.
इस शर्त को मानना भी जरूरी
इसके अलावा UIDAI ने डेट ऑफ बर्थ अपडेशन को लेकर एक शर्त और रखी है. वह यह कि किसी की भी आधार में मौजूद डेट ऑफ बर्थ और नई अपडेट कराई जाने वाली डेट ऑफ बर्थ के बीच 3 साल से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए. ऐसा होने पर आपकी एप्लीकेशन रिजेक्ट हो जाएगी और आपको रीजनल आधार ऑफिस में यह मसला लेकर जाना होगा.
Aadhaar अपडेशन का चार्ज
आधार में डेमोग्राफिक डिटेल्स यानी नाम, पता, ईमेल आईडी, फोन नंबर आदि अपडेशन/बायोमेट्रिक अपडेशन या दोनों तरह की अपडेशन के लिए चार्ज 50 रुपये है. वहीं eKYC के जरिए आधार सर्च/फाइंड आधार/या अन्य किसी टूल और A4 शीट कलर प्रिंट के लिए चार्ज 30 रुपये है.
कुछ अन्य सर्विसेज के लिए चार्ज
आधार के सक्सेसफुल जनरेशन के लिए चार्ज 100 रुपये रहेगा. अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेशन (5/15 साल के लिए) भी चार्ज 100 रुपये होगा. बायोमेट्रिक्स में फिंगर प्रिंट व आंख की पुतली का स्कैन शामिल होता है.
हालांकि इन दोनों रिवाइज्ड चार्ज को लेने को लेकर रजिस्ट्रार के लिए कुछ शर्तें हैं, जो इस तरह हैं-
– मशीन का मालिक रजिस्ट्रार होना चाहिए.– सुपरवाइजर और वेरिफायर रजिस्ट्रार के इंप्लॉई होने चाहिए.
– ऑपरेटर रजिस्ट्रार का रेगुलर या डायरेक्ट कॉन्ट्रैक्ट इंप्लॉई होना चाहिए. या फिर उसे मैनपावर हायरिंग एजेंसी से मान्य/UIDAI द्वारा इंपैनल्ड होना चाहिए.
अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करने के बाद कमेंट करें।
साभार- NEWS18HINDI, FEBRUARY 22, 2019, 12:02 PM IST
Thursday, 21 February 2019
फ्री में बनवाएं ये कार्ड, मिलेगा 2 लाख का इंश्योरेंस,
भारत में डेवलप किए गए रुपे कार्ड पर 2 लाख रुपये का फ्री एक्सीडेंटल इंश्योरेंस मिलता है. बैंक अकाउंट खुलवाने पर यह कार्ड फ्री में मिलते हैं.
आपका रुपे (RuPay) कार्ड सिर्फ एटीएम मशीन से पैसे निकलवाने के लिए नहीं है बल्कि इसपर आपको सरकार की तरफ से मुफ्त में 2 लाख रुपये का इंश्योरेंस भी मिलता है. भारत में डेवलप किए गए रुपे कार्ड पर 2 लाख रुपये का फ्री एक्सीडेंटल इंश्योरेंस मिलता है. बैंक अकाउंट खुलवाने पर यह कार्ड फ्री में देते हैं.रुपे कार्ड धारक की एक्सीडेंट से मृत्यु होने या स्थायी विकलांग होने पर एक्सीडेंटल इंश्योरेंस दिया जाता है. इस पॉलिसी के तहत रुपे क्लासिक कॉर्ड होल्डर्स को 1 लाख रुपए के इंश्योरेंस कवर के हकदार हैं जबकि प्लैटिनम कार्ड होल्डर्स को 2 लाख रुपए का इंश्योरेंस कवर मिलता है.
यह एक्सीडेंटल इंश्योरेंस है. यानी कि अगर एक्सीडेंट की वजह से आपकी मौत हो जाती है या आपके शरीर के अंग काम नहीं कर रहे हैं तो आपको 1 से 2 लाख रुपए मिल जाएंगे. नॉर्मल डेथ की स्थिति में इस पॉलिसी का लाभ नहीं मिलेगा.रुपे कार्ड 15 तरह के कार्ड जारी करता है, जिसमें तीन क्रेडिट कार्ड, छह डेबिट कार्ड, एक ग्लोबल कार्ड, चार प्रीपेड कार्ड और एक कांटेक्टलेस कार्ड शामिल है.आवेदन करने के लिए रुपे की वेबसाइट पर जाएं और आवेदन फॉर्म में अपना पर्सनल डिटेल डालें. आप किस तरह का रुपे कार्ड चाहते हैं और किस बैंक से चाहते हैं इसका चयन करें. हालांकि, इसके लिए आपके पास उस बैंक में एक बचत खाता होना चाहिए. फिर 'सबमिट करें' पर क्लिक करें, इसके बाद आपने रुपे कार्ड के लिए आवेदन कर दिया है. साभार- News 18
विद्यालय के कम्प्यूटर पर टीवी ट्यूनर लगा कर टेलीविजन के माध्यम से हो रही है पढ़ाई.
संचार एवं सूचना तकनीकी (ICT) की सहायता से शिक्षा के क्षेत्र में क्रन्तिकारी परिवर्तन लाये जा सकते है. बात राजकीय इंटर कोलेज जाखनीधार की है जहाँ शिक्षक सुशील डोभाल ने स्कूल के कम्प्यूटर सिस्टम पर टीवी ट्यूनर लगाकर बच्चों को दूरस्त शिक्ष्ण के माध्यम से मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन संचालित टेलीविजन कक्षाओं से जोड़ा है. इस विधालय में पिछले लम्बे समय से प्रवक्ता राजनीति विज्ञान और हिंदी के पद रिक्त चल रहे थे. इस नवाचार के बाद अब कक्षा 11 व 12 के विद्यार्थी टेलीविजन के माध्यम से पढाई कर रहे हैं . (कक्षा 12 से विवेक रावत की रिपोर्ट)
Wednesday, 20 February 2019
अगर खो गया है आपका आधार कार्ड, तो अपनाएं ये तरीका।
आधार केंद्र राजकीय इंटर कालेज जाखणीधार टिहरी गढ़वाल |
आधार कार्ड अब केवल पहचान पत्र नहीं रह गया है. इसकी जरूरत हर जगह होती है. किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेना है तो आधार वेरिफिकेशन पहले किया जाता है. ज्यादातर जगहों पर आधार को जरूरी कर दिया गया है. ऐसे में अगर आपका आधार कार्ड खो जाता है तो बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. लेकिन, एक तरीका है, जिसकी मदद से आपका काम हो जाएगा.
mAadhaar ऐप का करें इस्तेमाल
UIDAI ने ऐसी व्यवस्थआ की है कि अगर आपका आधार कार्ड खो जाए तो mAadhaar मोबाइल ऐप के जरिए काम निपटाए जा सकते हैं. इस ऐप को अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करना होगा. इसके बाद आपका आधार आपके मोबाइल में होगा. हालांकि, mAadhaar ऐप को यूज करने के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर होना जरूरी है.
मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड कराना जरूरी
अगर आपके पास रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर नहीं है तो आपको आधार सेंटर जाकर नया नंबर अपडेट करवाना होगा. इस ऐप में QR कोर्ड और ई-KYC का भी फीचर दिया गया है. कहीं भी इसका इस्तेमाल आधार कार्ड की तरह कर सकते हैं.
लॉक और अनलॉक होगा बायोमिट्रिक डेटा
mAadhaar का इस्तेमाल करने के लिए प्ले स्टोर पर जाएं और इसे डाउनलोड कर लें. ऐप को पासवर्ड से सुरक्षित कर लें. ऐप खोलने पर आधार नंबर डालना होगा और अन्य जानकारियां भरनी होगी. रजिस्टर्ड नंबर पर ओटीपी आएगा. ओटीपी डालने के बाद यह ऐप पूरी तरह वेरीफाई हो जाएगा और आप बायोमिट्रिक डेटा लॉक और अनलॉक कर पाएंगे. अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें.
Monday, 18 February 2019
31 मार्च के बाद आपका PAN कार्ड हो सकता है बेकार! इन दो तरीकों से करें चेक।
इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए 31 मार्च, 2019 से पहले पैन कार्ड को आधार से जोड़ना अनिवार्य है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आदेश जारी कर कहा है कि PAN कार्ड को आधार से लिंक अनिवार्य है. CBDT ने इसके लिए 31 मार्च तक की डेडलाइन तय की है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि ITR फाइल करने के लिए आधार को पैन से जोड़ना ही पड़ेगा. इसके अनुसार इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों को 31 मार्च, 2019 से पहले पैन कार्ड को आधार से जोड़ना अनिवार्य है. पैन-आधार लिंक हुआ या नहीं, ऐसे करें चेक- इनकम टैक्स की वेबसाइट www.incometaxindiaefiling.gov.in के जरिए चेक करें. होमपेज पर ही आपको 'Link Aadhaar' टैब दिखेगी. इस पर क्लिक करें. नए खुले पेज पर आए लिंक आधार के ऑप्शन Hको क्लिक करने से पहले सभी जरूरी सूचनाएं इसमें भर लें. पैन नंबर के कॉलम में पैन और आधार के कॉलम में 12 डिजिट का नंबर डाल दें. यदि नंबर अटैच नहीं होगा तो अगला मेैसेज खुलेगा जिसमें इसके लिंकिंग को लेकर पुष्टि होगी. यदि आपका पैन पहले से ही लिंक होगा, तो वेबसाइट आपको लॉगइन करने के लिए कहेगी.
SMS के जरिए लिंक करें- यदि अब तक नहीं कर पाए हैं तो इस तरीके के इस्तेमाल से आपको यह भी पता चल जाएगा कि यह पहले से लिंक है या नहीं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आधार और पैन कार्ड को लिंक करने के लिए दो नंबरों की सुविधा दी है. इसके लिए एक निश्चित फॉर्मेट में SMS भेजना होगा.
SMS के जरिए लिंक करें- यदि अब तक नहीं कर पाए हैं तो इस तरीके के इस्तेमाल से आपको यह भी पता चल जाएगा कि यह पहले से लिंक है या नहीं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आधार और पैन कार्ड को लिंक करने के लिए दो नंबरों की सुविधा दी है. इसके लिए एक निश्चित फॉर्मेट में 567678 और 56161 नंबर पर SMS भेजना होगा. UIDPAN<SPACE><12 अंकों का आधार नंबर><Space><10 अंकों का PAN> टाइप कर 567678 और 56161 पर SMS भेजें. जिन लोगों की यह लिंकिंग पहले ही हो चुकी है, उन्हें यह एसएमएस आएगा- इनकम टैक्स विभाग के डाटा बेस में आधार संख्या XXXX पैन संख्या XXXX से पहले से ही लिंक है। "हिमवंत" पर पोस्ट पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
Friday, 15 February 2019
मतदाताओं को जागरूक करने में अहम भूमिका निभा रहा है यह विद्यालय।
हमारी प्रिय विद्यार्थी कुमारी किरण अमोला ने मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करते हुए उनके विचार जाने। स्थानीय निवासी श्री कीर्ति सिंह लामा , श्री सुंदर लाल अमोला जी, ग्राम सभा कुमारधार के प्रधान श्री गजेंद्र अमोला जी, दिनेश चंद्र जी एवं श्रीमती अंजू देवी ने मतदान को लेकर अपने उपयोगी विचार कैमरे के सामने व्यक्त करते हुए किरण को सहयोग दिया।
विद्यार्थियों में शिक्षण के साथ साथ सामाजिक मूल्यों को लेकर ऐसी रचनात्मकता को मैं नितांत जरूरी समझता हूं। किरण अब विद्यालय के महज कुछ दिन ही रह पाएगी, 1 मार्च से उसकी बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। ईश्वर से उसकी सफलता और जीवन मे निरन्तर ऊंचे मुकाम हासिल करने की कामना करता हूँ। मतदाता जागरूकता अभियान के अंतर्गत राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार के भावी मतदाताओं और शिक्षकों के इस प्रयास को वीडियो में देखते हुए अपने उपयोगी सुझाव व परामर्श कमेंट बॉक्स में पोस्ट करें। धन्यवाद। (सुशील डोभाल)
Wednesday, 13 February 2019
शैक्षिक भ्रमण कर स्कूली बच्चों ने जाने इंजीनियरिंग के विविध आयाम।
समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत राजकीय इंटर कालेज जाखणीधार टिहरी गढ़वाल के 140 छात्र-छात्राओं के दल ने हाइड्रोपावर अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी संस्थान टिहरी का शैक्षिक भ्रमण कर इंजीनियारिंग के विविध आयामों की जानकारी प्राप्त की. इस दौरान विद्यार्थियों के दल ने टिहरी बाँध का अवलोकन करते हुए बाँध से सम्बंधित तकनीकी जानकारियाँ भी प्राप्त की.
शैक्षिक भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने
इंजीनियरिंग संस्थान में देश के विभिन्न हिस्सों से यहाँ दाखिल विद्यार्थियों से
बार्तालाप कर उनके अनुभव जानते हुए दाखिले की प्रक्रिया और प्रवेश परीक्षा की
तैयारी की भी विस्तृत जानकारी प्राप्त की. इस अवसर पर विद्यार्थियों ने
इंजीनियरिंग कॉलेज की विभिन्न प्रयोगशालाओं एवं कार्यशालाओं का अवलोकन करते हुए
कार्यशालाओं में स्थापित विभिन्न मशीनों और उपकरणों की जानकारी प्राप्त की एवं अपनी
डायरी में भी नोट किया. विद्यार्थियों ने कंप्यूटर लैब में कुछ देर कम्प्यूटरों का
संचालन भी किया.
मध्याह्न
२ बजे के लगभग भ्रमण दल ने इंजीनियरिंग कॉलेज से टिहरी बांध के स्थलीय अवलोकन के
लिए प्रस्थान किया. भ्रमण दल ने कोटि कालोनी पहुँच कर दोपहर का भोजन करने के बाद
टिहरी बाँध के झील का अवलोकन करते हुए अपने शिक्षकों से टिहरी बाँध की विस्तृत
जानकारी प्राप्त की एवं फोटोग्राफी भी की. शैक्षिक भ्रमण के दौरान छात्र छात्राएं
काफी उत्साहित थे. कक्षा 9 के अधिकतर छात्र-छात्राएं इस प्रकार के शैक्षिक भ्रमण
में पहली बार शामिल होने पर बहुत प्रसन्न थे और सभी छात्र-छात्राएं प्रत्येक कक्षा
के लिए शैक्षिक भ्रमण की आवश्यकता व्यक्त कर रहे थे.
शैक्षिक भ्रमण से सम्बंधित विवरण.
विद्यालय का नाम
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राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार टिहरी गढ़वाल
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लाभान्वित कक्षाएं
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कक्षा 9 एवं 11
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कुल लाभान्वित विद्यार्थियों की संख्या
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140
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भ्रमण का दिनांक
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13 फरवरी 2019
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भ्रमण के लिए चयनित स्थान
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हाइड्रोपावर अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी
संस्थान टिहरी एवं टिहरी बाँध
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आवागमन का माध्यम
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3 बसों के द्वारा
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प्रधानाचार्य का नाम
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श्री महावीर सिंह परमार
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मार्गदर्शक शिक्षकों के नाम
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श्री दिनेश प्रसाद डंगवाल, श्री सुशील डोभाल, श्री दिनेश रावत, श्रीमती रेखा कंडारी,
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आख्या प्रस्तुत करने वाले शिक्षक का नाम
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श्री सुशील डोभाल, प्रवक्ता अर्थशास्त्र
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जिला
परियोजना अधिकारी से प्राप्त निर्देशों के अनुसार राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार
टिहरी गढ़वाल के कक्षा 9 एवं कक्षा 11 के कुल 140 छात्र-छात्राओं ने अपने
मार्गदर्शक शिक्षकों के साथ हाइड्रोपावर अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी संस्थान
टिहरी का शैक्षिक भ्रमण कर सस्थान के बारे में जानकारियाँ प्राप्त की. भ्रमण के
लिए आये विद्यार्थियों के मार्गदर्शन के लिएसंस्थान द्वारा नियुक्क्त भ्रमण
अधिकारी कैप्टिन (सेवा निवृत्त) श्री जी एस भंडारी ने छात्र-छात्राओं को अवगत
करवाया कि टिहरी बाँध की 42 वर्ग किलोमीटर विशालकाय झील में जल क्रीडा सहित
अभियांत्रिकी के विभिन्न संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए टिहरी हाइड्रो पावर
कारपोरेशन द्वारा वर्ष 2011 में भागीरथिपुरम टिहरी गढ़वाल में इस संस्थान की
स्थापना की गयी. देश में अपनी तरह का यह अनूठा संस्थान है. यह सस्थान भविष्य में
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त करेगा. उन्होंने बताया कि संस्थान में वर्तमान समय
में पांच अलग अलग ट्रेड्स में इंजीनियरिंग का पाठ्यक्रम संचालित हो रहा है, और इस
संस्थान में प्रतिवर्ष 300 छात्र-छात्राओं
के दाखिले के क्षमता है.
Mr. D.P. Dangwal, Guide Teacher. |
Mr. Sushil Dobhal, Guide Teacher. |
Mr. Dinesh Rawat, Guide Teacher. |
Monday, 11 February 2019
बंबई रक्त समूह रक्त का एक अनूठा प्रकार है। इस रक्त समूहकी खोज सबसे पहले बंबई (अब मुंबई) में १९५२ में डा.वाई एम भेंडे द्वारा की गई थी इसलिए इस रक्त समूह का नाम बंबई रक्त समूह पड़ा| इस रक्त समूह को hh और oh रक्त समूह भी कहते है| इस रक्त समूह में h प्रतिजन खुद को अभिव्यक्त नही कर पाता जो की O रक्त समूह में होता है| इसके कारण ही यह रक्त समूह अपनी लाल रक्त कोशिकओं में A और B प्रतिजन नही बनाता| A और B प्रतिजन न बनाने के कारण ही इस रक्त समूह के लोग किसी भी रक्त समूह के लोगो को अपना रक्त दे तो सकते है पर किसी और रक्त समूह से रक्त ले नही सकते|[1]
बंबई रक्त समूह उन लोगो में पाया जाता है जिन्हें विरासत में २ प्रतिसारी एलील मिलते है H अनुवांश के| इस रक्त समूह के मनुष्य H कार्बोहायड्रेट नही बना पाते जो की A और B प्रतिजन के अग्रगामी है| इसका यह मतलब है की इस रक्त समूह में A और B प्रतिजन के एलील मौजूद तो है पर वह खुद को अभिव्यक्त नहीं कर पाते। यह रक्त समुह उन बच्चों में देखने को मिलता है, जिन्हें वंश परम्परा से दोनों ही एलील ऐसे मिले जो की प्रतिसारी हो। [2]
रेयर ऑफ द रेयरेस्ट ब्लड ग्रुप है बॉम्बे ब्लड टाइप
यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर ब्लड टाइप दुनिया भर की पूरी जनसंख्या में से सिर्फ 0.0004 फीसदी लोगों के भीतर होता है. इसे सबसे पहले साल 1952 में डॉक्टर वाई जी भिड़े ने खोजा था. ब्लड टाइप के भीतर पाए जाने वाले फेनोटाइप रिएक्शन के बाद पता चला कि इसके भीतर एक एंटीजेन - एच (H) पाया जाता है. यह इससे पहले कभी नहीं देखा गया था. यह खुद में रेयर मामला था. चूंकि इसे दुनिया में सबसे पहले बॉम्बे के भीतर पाया गया था इसलिए इसका नाम बॉम्बे ब्लड टाइप पड़ गया.
यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर ब्लड टाइप दुनिया भर की पूरी जनसंख्या में से सिर्फ 0.0004 फीसदी लोगों के भीतर होता है. इसे सबसे पहले साल 1952 में डॉक्टर वाई जी भिड़े ने खोजा था. ब्लड टाइप के भीतर पाए जाने वाले फेनोटाइप रिएक्शन के बाद पता चला कि इसके भीतर एक एंटीजेन - एच (H) पाया जाता है. यह इससे पहले कभी नहीं देखा गया था. यह खुद में रेयर मामला था. चूंकि इसे दुनिया में सबसे पहले बॉम्बे के भीतर पाया गया था इसलिए इसका नाम बॉम्बे ब्लड टाइप पड़ गया.
यह ग्रुप दानकर्ता तो हो सकता है मगर दान लेने में हैं दिक्कतें...
इस ग्रुप के शख्स किसी भी ABO फेनोटाइप रिम में आने वाले सदस्य को रक्त दे सकते हैं, लेकिन उनके लिए रक्त लेना संभव नहीं. वे सिर्फ अपने ग्रुप के सदस्यों का ही रक्त ले सकते हैं.
इस ग्रुप के शख्स किसी भी ABO फेनोटाइप रिम में आने वाले सदस्य को रक्त दे सकते हैं, लेकिन उनके लिए रक्त लेना संभव नहीं. वे सिर्फ अपने ग्रुप के सदस्यों का ही रक्त ले सकते हैं.
यह ब्लड ग्रुप सिर्फ नजदीकी ग्रुप में मिलता है...
यह ब्लड टाइप करीबी ब्लड रिलेशन वाले लोगों में पाया जाता है. अगर अकेले मुंबई के आंकड़ों को देखें तो बॉम्बे फेनोटाइपरखने वाले सदस्यों की तादाद महज 0.01 फीसदी होगी. यदि दोनों माता-पिता Recessive allele धारक हैं तो ऐसी संभावना होती है कि बच्चे का h/h ब्लड ग्रुप होगा. बिल्कुल ही गुत्थमगुत्था परिवार या फिर इनब्रीडिंग की वजह से इस रक्तसमूह की पैदाइश होती है.
यह ब्लड टाइप करीबी ब्लड रिलेशन वाले लोगों में पाया जाता है. अगर अकेले मुंबई के आंकड़ों को देखें तो बॉम्बे फेनोटाइपरखने वाले सदस्यों की तादाद महज 0.01 फीसदी होगी. यदि दोनों माता-पिता Recessive allele धारक हैं तो ऐसी संभावना होती है कि बच्चे का h/h ब्लड ग्रुप होगा. बिल्कुल ही गुत्थमगुत्था परिवार या फिर इनब्रीडिंग की वजह से इस रक्तसमूह की पैदाइश होती है.
बॉम्बे ब्लड ग्रुप’ हजारों लोगों में से किसी एक में पाया जाता है. हाल ही में मुंबई में 28 साल की पुष्पा की मौत इस ब्लड ग्रुप का रक्त न मिलने के कारण हो गई. देखने में पुष्पा अन्य महिलाओं की तरह ही सामान्य थी, लेकिन उसका खून बिलकुल अलग था, और यही उसकी जिंदगी के लिए खतरा बन गया। दरअसल, पुष्पा का रक्त ‘बॉम्बे ब्लड ग्रुप’ यानी ‘एचएच’ ग्रुप था। इस ग्रुप का रक्त आसानी से नहीं मिलता।
बॉम्बे ब्लड ग्रुप (एचएच) की खोज 1952 में मुंबई के एक हॉस्पिटल में डॉ. वाई.एम. भेंडे ने की थी। पहली बार बॉम्बे में पाए जाने के कारण इसका नाम ही बॉम्बे ब्लड ग्रुप रख दिया गया। भारत में 10 हजार लोगों में से एक में यह ब्लड ग्रुप पाया जाता है, जबकि यूरोप में 10 लाख लोगों में से एक व्यक्ति में यह ब्लड ग्रुप मिलता है। किसी व्यक्ति का रक्त इस ग्रुप के होने का तभी पता चल पाता है जब उसे खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।
बॉम्बे ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति में एच एंटीजन नहीं होता। एच एंटीजन को मदर एंटीजन भी कहा जाता है, और इसके न होने पर लाल रक्त कण कोई ग्रुप (ए, बी या ओ) नहीं बनाता। आमतौर पर ब्लड टेस्टिग में ऐसे व्यक्ति का ‘ओ’ ग्रुप ही पता चलता है, लेकिन जब रिवर्स टेस्टिंग की जाती है तो पता चलता है कि यह बॉम्बे ब्लड ग्रुप है।
बॉम्बे ब्लड ग्रुप (एचएच) की खोज 1952 में मुंबई के एक हॉस्पिटल में डॉ. वाई.एम. भेंडे ने की थी। पहली बार बॉम्बे में पाए जाने के कारण इसका नाम ही बॉम्बे ब्लड ग्रुप रख दिया गया। भारत में 10 हजार लोगों में से एक में यह ब्लड ग्रुप पाया जाता है, जबकि यूरोप में 10 लाख लोगों में से एक व्यक्ति में यह ब्लड ग्रुप मिलता है। किसी व्यक्ति का रक्त इस ग्रुप के होने का तभी पता चल पाता है जब उसे खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।
बॉम्बे ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति में एच एंटीजन नहीं होता। एच एंटीजन को मदर एंटीजन भी कहा जाता है, और इसके न होने पर लाल रक्त कण कोई ग्रुप (ए, बी या ओ) नहीं बनाता। आमतौर पर ब्लड टेस्टिग में ऐसे व्यक्ति का ‘ओ’ ग्रुप ही पता चलता है, लेकिन जब रिवर्स टेस्टिंग की जाती है तो पता चलता है कि यह बॉम्बे ब्लड ग्रुप है।
Saturday, 9 February 2019
Friday, 8 February 2019
विशिष्ट अवकाश लेखा सहित सभी फोर्मेट के प्रारूप यहाँ से करें डाउनलोड.
विद्यालयी शिक्षा विभाग के शिक्षक कर्मचारियों के लिए विभिन्न आवेदन पत्रों के प्रारूप यहाँ उपलव्ध हैं.
सुशील डोभाल, |
सेवा पुस्तिका के लिए विशिष्ट अवकाश लेखा का प्रारूप. |
शैक्षिक अभिवृद्धि हेतु आवेदन पत्र का प्रारूप. वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए आयकर विवरणी |
Tuesday, 5 February 2019
राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए टिहरी के 76 बाल वैज्ञानिकों के मॉडल चयनित।
जनपद स्तरीय इंस्पायर अवॉर्ड मॉडल प्रदर्शनी व प्रतियोगिता राजकीय इंटर कॉलेज नरेंद्र नगर में आज संपन्न हुई. दिनांक 30 जनवरी से 4 फरवरी तक विभिन्न चरणों में आयोजित इस प्रतियोगिता में जनपद के सभी विकासखंडों के कुल 881 अवॉर्डी प्रतिभागी शामिल हुए. इस अवसर पर निर्णायकों द्वारा कुल 76 बाल वैज्ञानिकों के मॉडल्स का राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयन किया गया. जनपद के यह बाल वैज्ञानिक अब राज्य स्तरीय स्पर्धा में अपना जलवा दिखाएंगे।
इस अवसर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी डीसी गौड़ एवं जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एस पी सेमवाल ने बाल वैज्ञानिको और मार्गदर्शक शिक्षकों को विज्ञान के आविष्कारों से संबंधित अनेक प्रेरक प्रसंग सुनाये। जिला शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल ने माइकल फैराडे के योगदान पर रोचक ढंग से प्रतिभागियों को सम्बोधित किया। उनके सम्बोधन के कुछ अंश यहाँ प्रस्तुत किये जा रहे हैं.
22 सितम्बर 1791 के दिन माइकल फैराडे Michael Faraday का जन्म इंग्लैंड में हुआ। एक गरीब लुहार के बेटे माइकल फैराडे की बचपन से ही भौतिकी और रसायन की किताबें पढने में रुचि थी। फैराडे ने शुरुआती जीवन में लन्दन में जिल्दसाज की नौकरी वर्ष 1813 में माइकल फैराडे का परिचय प्रसिद्ध रसायनज्ञ 'सर हम्फ्री डेवी' (Sir Humphry Davy) से तब हुआ जब हम्फ्री डेवी के व्याख्यानों पर माइकल फैराडे ने टिप्पणी की थी।जिससे प्रभावित होकर हम्फ्री डेवी ने फैराडे को अपना प्रयोगशाला सहायक बना लियाथा।वर्ष 1820 में हैंड्स ओर्स्टेड ने अपनी खोज में बताया कि विद्युत धारा से चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न किया जा सकता है।उनकी इस खोज से माइकल फैराडे (Michael Faraday) को विचार आया कि यदि विद्युत धारा के प्रवाह से चुम्बकीय प्रभाव पैदा हो सकता है तो चुम्बकीय प्रभाव से विद्युत धारा को भी उत्पन्न कर सकते है। वर्ष 1831 में माइकल फैराडे (Michael Faraday) ने ‘विद्युतचुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत’ की महत्वपूर्ण खोज की। चुम्बकीय क्षेत्र में एक चालक को घुमाकर विद्युत-वाहक-बल उत्पन्न किया। इसी सिद्धांत पर आने वाले समय में जनित्र (Generator) बना था।आज विश्व में विद्युत चुम्बकीय प्रेरण सिद्धांत के आधार पर ही बिजली का उत्पादन हो रहा है।ट्रांसफार्मर (Transformer) माइकल फैराडे के सिद्धांत पर कार्य करता है।इसके अनुसार जब तारों की दो कुंडलियों को पास में रखकर किसी एक कुंडली (Coil) में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर उसमे उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र के कारण दूसरी कुंडली में भी विद्युत धारा प्रवाहित होगी। माइकल फैराडे Michael Faraday ने अपने प्रयोगों से बताया कि सभी तरह की विद्युत धारा की प्रवर्ती एक जैसी होती है, केवल उनकी तीव्रता अलग-अलग होती है। इस आधार पर ही माइकल फैराडे ने डायनेमो का आविष्कार किया था।माइकल फैराडे (Michael Faraday) के नाम पर दो विद्युत इकाईयां हैं। जिनमे एक है फैराडे, जो विद्युत धारा मापन में काम आती है और दूसरी इकाई फैराड है, जिससे किसी भी संधारित्र (Capacitor) की धारिता मापी जाती है। रसायन विज्ञान में बेंजीन की खोज भी माइकल फैराडे ने की थी और क्लोरिन गैस का द्रवीकरण करने में भी सफल हुए। माइकल फैराडे Michael Faraday ने विद्युत पर कार्य करके विद्युतविश्लेषण के नियमों का प्रतिपादन किया जिन्हें ‘फैराडे के नियम’ (Law's Of Faraday) कहते हैं। माइकल फैराडे ने दुनिया में सबसे पहले मोटर की कल्पना की और एक प्रयोग में विद्युत से एक छड को विद्युत धारा से उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र में घुमाया जो फैराडे की पहली खोज थी। Michael Faraday की सबसे उपयोगी पुस्तक “विद्युत में प्रायोगिक गवेषणाएँ” (Experimental Researches In Electricity) है। महान वैज्ञानिक माइकल फैराडे की मृत्यु 25 अगस्त 1867 में हुई थी।
कार्यक्रम की कुछ झलकियां
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