Sunday 24 February 2019

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन यहाँ करें.

प्रिय पाठकों, केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना की सफलता को देखते हुए उत्तराखंड सरकार द्वारा अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना आरंभ की गई है| इस योजना का लाभ केवल उत्तराखंड राज्य के नागरिक ही उठा सकते हैं| राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में प्रदेश के हर परिवार को निशुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी। सरकारी और निजी अस्पताल में उपचार के लिए किसी को भी परेशान नहीं होना पड़ेगा। इस पोस्ट के माध्यम से अटल आयुष्मान योजना की विशेषताएं और आवेदन की प्रक्रिया आप तक पहुंचने का प्रयास कर रहा हूँ, साथ ही आपकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए योजना से संबंधित उपयोगी Links  भी उपलव्ध करवा रहा हूँ। किसी भी तरह की जानकारी के लिए आप पोस्ट के अंत मे कमेंट कर सकते हैं। 
         यह योजना आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) की तरह ही है| परंतु उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा इस योजना में कुछ बदलाव किए गए हैं| अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना (AAUY) द्वारा पीएम जन आरोग्य योजना (PMJAY) में लगभग 18 लाख नए परिवारों को जोड़ा जाएगा| इस अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना (Atal Ayushman Uttarakhand Yojana) के तहत राज्य के नागरिक किसी भी सरकारी तथा प्राइवेट अस्पताल में अपना मुफ्त में इलाज करवा सकते हैं| अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना (Atal Ayushman Uttarakhand Yojana) द्वारा हर वर्ष प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करवाया जा रहा है.


अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना विवरण (Details of Atal Ayushman Uttarakhand Yojana)
उत्तराखंड की कैबिनेट मीटिंग पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहार वाजपेयी (Shri Atal Bihari Vajpayee) जी के लिए 2 मिनट का मौन रखकर शुरू की गई थी। उनका निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था। कैबिनेट समिति के सर्वसम्मति से आयुष्मान उत्तराखण्ड़ स्वास्थ्य बीमा योजना (Ayushman Uttarakhand Health Insurance Scheme) का नाम बदलने पर फैसला किया है। तो, अब इस योजना का नया नाम अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना (Atal Ayushman Uttarakhand Yojana) होगा और इस योजना को कैबिनेट द्वारा मंजूरी मिल गई है। यह योजना देश भर में 25 सितंबर 2018 से शुरू होगी।
  • राज्य सरकार ने पहले से ही 5 लाख रुपये तक बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी (National Health Agency) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। लोग राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण मिशन (NHPM) पैकेज दरों पर इलाज पाने के हकदार होंगे। सूचीबद्ध अस्पतालों के माध्यम से लाभार्थियों को स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance)  कवरेज मिलेगा। 2.6 लाख सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों, सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके आश्रितों को इस योजना के लाभ मिलने की उम्मीद है।
  • सभी राज्य सरकारी कर्मचारी राज्य के बाहर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) के तहत भी इलाज का लाभ उठा सकते हैं। सरकार ने अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना (AAUY Scheme) का लाभ उठाने के लिए कर्मचारियों से वार्षिक योगदान भी तय किया है।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद, जोखिम कवर के तहत लगभग 1350 बीमारियों और स्वास्थ्य रोगों को शामिल किया गया है। आज तक, इस योजना के तहत 56 सरकारी अस्पतालों और 6 निजी अस्पतालों (56 Govt Hospitals & 6 Pvt Hospitals) को सूचीबद्ध किया गया है।   
 उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारी और सेवा निवृत्त कर्मचारी आवेदन के लिए यहाँ क्लिक करें.

योजना के लिए अपने परिवार के पात्रता जानने के लिए यहाँ क्लिक करें 

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अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना की वेबसाईट पर यंहां क्लिक करें. 

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लाभ हेतु पंजीकरण फॉर्म 

अस्पतालों की सूची देखने के लिए यहाँ क्लिक करें. 

Packages & Rates 

List of Disease Covered 


आगे जानिए सारे सवालों के जवाब
गोल्डन कार्ड कैसे बनेगा? इसके लिए कहां जाना होगा?
-अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर और सरकारी अस्पताल में जाकर गोल्डन कार्ड बनवाया जा सकता है। इसके लिए आपका नाम पात्रता सूची में होना अनिवार्य है। 

गोल्डन कार्ड बनाने पर कितना खर्च आएगा?
-कॉमन सर्विस सेंटर पर कार्ड बनाने के लिए 30 रुपये शुल्क देना होगा। कार्ड न होने पर फिलहाल उपचार के लिए सीधे अस्पताल जा सकते हैं। मुख्यमंत्री की ओर से जारी पत्र के साथ कोई भी मान्य आईडी होने पर उपचार की सुविधा मिलेगी।

क्या प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को अटल आयुष्मान योजना का लाभ मिलेगा?
-2012 के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थी और 2012 में मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने वाले सभी परिवारों को योजना का लाभ मिलेगा। इसके अलावा प्रदेश के जिन लोगों के नाम दर्ज नहीं है, उनको भी जांच के बाद योजना का लाभ मिल सकता है। इसमें एपीएल, बीपीएल जैसी कोई शर्त नहीं है।
अगर वोटर लिस्ट में नाम न हो तो क्या लाभ नहीं मिलेगा?
-2012 की मतदाता सूची में जिन लोगों का नाम शामिल था, अगर उनके पास उस समय का वोटर आईडी कार्ड है, तो उन्हें निश्चित लाभ मिलेगा। अगर उस समय नाम नहीं था और बाद में जोड़ा गया, तो उन्हें राशन कार्ड और परिवार रजिस्टर की नकल जैसे दस्तावेज देने होंगे।

क्या इसके लिए किसी दस्तावेज की आवश्यकता होगी।
-नहीं। राशन कार्ड या वोटर आईडी कार्ड के द्वारा लाभार्थी का नाम सूची में देखा जा सकता है। योजना के लिए किसी अतिरिक्त दस्तावेज की जरूरत नहीं है।

सरकारी नौकरी और पेंशनरों को कैसे लाभ मिलेगा?
-राज्य सरकार की नौकरी करने वालों और पेंशनरों के लिए 26 जनवरी 2019 से अंशदायी योजना की शुरूआत की जा रही है। इसके तहत उन्हें असीमित उपचार की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इसके लिए उनसे पदक्रम के अनुसार बेहद मामूली अंशदान लिया जाएगा। 
कोई व्यक्ति योजना में शामिल है या नहीं, इसकी जानकारी कैसे मिलेगी?
-योजना की वेबसाइट आयुष्मान उत्तराखंड डाट ओआरजी (ayushmanuttarakhand.org) पर पात्रता सूची देखी जा सकती है। यहां सूचीबद्ध अस्पतालों की सूची भी है। इसका मोबाइल एप भी डाउनलोड कर इस्तेमाल कर सकते हैं। राशन कार्ड नंबर डालकर भी अपने परिवार का नाम देखा जा सकता है।

परिवार को मुख्यमंत्री की ओर से जारी पत्र कैसे मिलेगा?
-आशाओं के माध्यम से यह पत्र परिवारों को भेजे जाएंगे। आशाएं घर-घर जाकर यह पत्र देंगी। बाद में उनके गोल्डन कार्ड बनाकर दिए जाएंगे।

जिन लोगों के पास मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (एमएसबीवाई) का कार्ड है, उनका क्या होगा?
-वह सभी लोग जो एमएसबीवाई में शामिल रहे, इस योजना से आच्छादित हैं। अगर उन्हें अपना नाम देखना है तो वह वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं। जैसे ही एमएसबीवाई कार्ड का नंबर डालेंगे, उनका नाम आ जाएगा।

जिन लोगों के नाम नाम पात्रता सूची में नहीं है, वह कैसे जोड़े जा सकते हैं?
-उत्तराखंड के निवासी जिनके पास 2012 का राशन कार्ड व वोटर आईडी कार्ड है और नाम पात्रता सूची में नहीं है तो उन्हें परिवार रजिस्टर के दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। स्थानीय स्तर पर जांच के बाद वे वेबसाइट पर खुद पंजीकरण करा सकते हैं।

2011 के बाद जो लोग नौकरी या अन्य कारणों से राज्य में आए हैं, उनका क्या होगा?
-जो उत्तराखंड के निवासी हैं, उन्हें अटल आयुष्मान योजना का लाभ मिलेगा। सरकारी या निजी वर्ग के नौकरी पेशा लोगों के लिए ईएसआई, ईसीएचएस जैसी योजनाएं हैं। वैसे सरकारी अस्पतालों में तो उपचार मुफ्त उपलब्ध है, लेकिन उन्हें अटल आयुष्मान का लाभ नहीं मिलेगा।

योजना में निजी अस्पतालों पर निगरानी की क्या व्यवस्था रहेगी?
-इसके लिए विभागीय स्तर पर एक थर्ड पार्टी पैनल की व्यवस्था की जा रही है। यह पैनल दस्तावेजों की जांच के बाद बिल पेमेंट करेगी। साथ ही किसी भी अस्पताल के दस्तावेजों की जांच करेंगे। उसके अलावा फीडबैक की व्यवस्था भी की जा रही है। इसके जरिये निजी अस्पतालों के उपचार पर पूरी नजर रखी जाएगी। 
निजी अस्पताल स्कीम या बीमा के मामलों में अनावश्यक जांच कराते हैं व मरीज को ज्यादा दिन रोकते हैं?
-थर्ड पार्टी पैनल हर उपचार पर नजर रखेगी। अगर यह देखा जाता है कि अनावश्यक जांच की गई या मरीजों को अनावश्यक रोका गया, तो ऐसे मामलों में निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।

योजना लागू होने के बाद क्या सरकारी अस्पतालों की बेहतरी के लिए काम नहीं होगा?
-ऐसा नहीं है। इस योजना में भी हमने सरकारी अस्पतालों के लिए प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की है। सरकारी अस्पताल जो भी उपचार करेंगे, उसका 35 फीसदी उन्हें दिया जाएगा। इसके अलावा चिकित्सकों व अन्य स्टाफ को 15 फीसदी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

किडनी ट्रांसप्लांट जैसे महंगे उपचार के मामले में क्या होगा?
-इस योजना में केवल पांच लाख रुपये तक का ही उपचार मिलेगा। किडनी ट्रांसप्लांट जैसे कुछ महंगे उपचार हैं, जिनका खर्च पांच लाख से ज्यादा है। ऐसे मामलों के लिए व्याधि निधि समेत सरकार की अन्य व्यवस्थाएं हैं।

महिलाओं के लिए योजना में क्या खास है?
-इसमें पूरे परिवार को एक यूनिट माना गया है। महिला और पुरुष के लिए कुछ अलग-अलग नहीं किया गया है। लेकिन, जिस तरह से हमारा सामाजिक ताना-बाना है, उस लिहाज से निश्चित तौर पर यह योजना महिलाओं के लिए वरदान साबित होगी।



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