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विकास सेमवाल |
भारतीय सेना भर्ती में चयनित हुए राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार के पूर्व छात्र विकास सेमवाल ने शिक्षक दिवस के मौके पर स्कूल पहुंचकर अपनी सफलता की खबर शिक्षकों को सुनाकर शिक्षक दिवस के मौके पर अनोखा उपहार दिया है। शिक्षकों ने कहा है कि उनके लिए इससे बेहतर सम्मान और कुछ नही हो सकता कि उनके विद्यार्थी भारतीय सेना में शामिल होकर राष्ट्रसेवा में अपना जीवन समर्पित कर दें।
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विकास के माता पता। |
विकासखण्ड जाखणीधार के अंतर्गत गेंवली देवल निवासी रमेश सेमवाल और उर्मिला देवी सेमवाल का बेटा विकास अब भारतीय सेना का हिस्सा बनकर राष्ट्रसेवा करेगा। बचपन से भी सेना में शामिल होकर देशसेवा के लिए खुद को समर्पित करने का इस नौजवान का सपना आखिर कड़े अनुशासन और कठोर परिश्रम से साकार हो गया है। वर्ष 2018 में राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार से इंटरमीडिएट प्रतीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद विकास इस समय गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के बादशाहीथौल परिसर से बीएससी कर रहा था। शिक्षक दिवस में मौके पर अपने पुराने विद्यालय पहुंचकर विकास ने पहले सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मुंह मीठा करवाया और फिर अपने सेना में चयन होने की खुशखबरी देकर सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस पर अनोखा उपहार दिया।
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आपने शिक्षकों के साथ भारतीय सेना में शामिल हुए नौजवान विकास सेमवाल। |
शिक्षकों ने विकास की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि किसी भी विद्यालय और शिक्षक के लिए इससे बड़ा सम्मान कुछ नही हो सकता कि उनका विद्यार्थी कड़े मापदण्डों पर खरा उतरकर भारतीय सेना में शामिल होकर राष्ट्रसेवा के लिए खुद को समर्पित कर दे। प्रधानाचार्य दिनेश प्रसाद डंगवाल ने कहा कि विकास विद्यालय का एक प्रतिभाशाली और अनुशासनप्रिय छात्र रहा है। अपने कठोर परिश्रम से उसने सफलता प्राप्त की है।
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परिजनों के साथ विकास |
आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से होने के बाद भी विकास में अपनी लग्न और कठोर परिश्रम से कभी यह मजबूरी खुद पर हावी नही होने दी।चार भाई बहिनो में विकास सबसे छोटा है। विद्यालय पहुंचकर उसने न केवल शिक्षकों का आशिर्वाद लिया बल्कि विद्यालय के अपने जूनियर्स को सम्बोधित करते हुए कठोर परिश्रम और अनुशासन का संदेश भी दिया है।
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अपने मित्रों के साथ विकास सेमवाल। |
इस मौके पर विकास में कहा है कि विद्यालय से पासआउट होने के बाद वह अपने शिक्षकों और सहपाठियों को बहुत याद करता है और स्कूल और शिक्षकों से उसका लगाव हमेशा बना रहेगा। सेना में सेवारत रहने के दौरान वह जब भी गांव आएगा, स्कूल भी जरूर आएगा और अपने अनुभव सबके साथ साँझा करेगा। विकास ने कहा है कि विद्यालय की ईपत्रिका हिमवंत के माध्यम से उसे विद्यालय की गतिविधियों की सूचना मिलती रहती है और वह हिमवंत के माध्यम से हमेशा विद्यालय से जुड़ा रहेगा। उसने अपनी सफलता का श्रेय शिक्षक महावीर सिंह परमार, दिनेश प्रसाद डंगवाल, चन्दन सिंह असवाल, सुशील डोभाल, पंकज डंगवाल, दिनेश रावत, संजीव नेगी, राजेश उपाध्याय और मोहम्मद इलयास को दिया है।
Congratulations vikash hame aap pe garv hai
ReplyDeleteAll the best my bro for your new journy satrt in INDIAN ARMY.
ReplyDeleteMundra or banking
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