Saturday 18 May 2019

केंद्रीय विद्यालय शिक्षकों को NPS के तहत ग्रेच्युटी और अन्य लाभ भी हुए बंद।

    केंद्रीय विद्यालय (केवी) संगठन के स्कूलों ने इस साल 2019 सीबीएसई बोर्ड की बारहवीं में सबसे अच्छे परिणाम दिए थे. परिणामों के तत्काल बाद केवीएस में पढ़ा र‍हे एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) धारक शिक्षकों को ग्रेच्युटी और अन्य लाभ बंद कर दिए गए हैं. केवी प्रगतिशील शिक्षक संगठन ने अन्यायपूर्ण निर्णय करार दिया है.
     इस साल केवी के स्कूलों में अब तक के रिकॉर्डतोड़ 98.54 फीसदी छात्र पास हुए थे. जाहिर है अच्छे परिणामों के पीछे केवीएस से जुड़े टीचरों की बड़ी भूमिका रही है. ले‍किन गुरुवार को केवीएस के अ‍सिस्टेंट कमिश्नर फाइनेंस की ओर से मिले पत्र ने बड़ी संख्या में टीचरों का भी दिल तोड़ दिया है.
        इस पत्र में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के 22 अप्रैल के पत्र का हवाला दिया गया है. इस पत्र के मुताबिक केंद्रीय विद्यालय संगठन अभी एनपीएस ( नेशनल पेंशन ) धारकों की डेथ, रिटायरमेंट और प्रोविजनल फैमिली पेंशन की सुविधाएं रोक दी गई हैं. पत्र में कहा गया है कि सीसीएस (पेंशन)नियमावली 1972 के अनुसार अब अग्रिम आदेश तक केवीएस के एनपीएस धारकों को ये सभी लाभ नहीं दिए जाएंगे. केवीएस के इस फैसले से एनपीएस धारक शिक्षकों में रोष है. कई शिक्षकों ने इस निर्णय के बारे में सोशल मीडिया पर भी लिखा है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि अच्छा रिजल्ट देने का उन्हें यह रिजल्ट मिला है.
         केवीएस से जुड़े लोगों की मानें तो यहां बड़ी संख्या में 2004 के बाद वाले टीचर नेशनल पेंशन सिस्टम से जुड़े हैं, केवीएस प्रशासन के इस फैसले से इन टीचरों को काफी नुकसान होगा. वहीं केवीएस संगठन के ए‍डिशनल कमिश्नर यूएन खवाडे का कहना है कि यह फैसला मानव संसाधन मंत्रालय के दिशानिर्देश पर लिया गया है. केवीएस प्रशासन ने एमएचआरडी के पत्र को संज्ञान में लेते हुए इसका फैसला किया है.
केवी पीएसएस (केंद्रीय विद्यालय प्रगतिशील शिक्षक संघ) के नेशनल जनरल सेक्रेटरी प्रियव्रत छिकारा का कहना है कि हमारे 25 रीजन को 16 मई को भेजा गया था. पत्र में कहा गया कि जो कर्मचारी नेशनल पेंशन सिस्टम के अंतर्गत आते हैं, उन्हें हम रिटायरमेंट और डेथ ग्रेच्युटी का फायदा नहीं देंगे. इसका हम सीधा विरोध करते हैं. इस बार सीबीएसई के टीचरों ने सबसे अच्छा रिजल्ट दिया है. ये रिजल्ट देने वाले टीचर हैं जिनसे आप यह फायदा छीन ले रहे. टीचर छुटिटयों में भी कक्षाएं लेते हैं. इस तरह के तानाशाही फरमान का संगठन विरोध करता है. नई सरकार बनते ही हम उन्हें लिखकर मांग करेंगे कि यह सुविधा न ली जाए. साथ ही हमें बीते तीन-चार साल से दीवाली का बोनस मिलता है, वह भी देना शुरू किया जाए.
ये नहीं होंगे प्रभावित
         हालांकि, 2004 से पहले वाले शिक्षकों को ओल्ड पेंशन स्कीम मिलती है जो प्रभावित नहीं होंगे, कोई रिटायर होता या बीच में डेथ हो जाती है तो भी उनके परिवार को ग्रेच्युटी मिलेगी. आज तक  से साभार।

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