राजकीय इंटर कॉलेज जाखणीधार टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड.
अभिभावकों से अपील
- बच्चों को मोबाइल फोन का उपयोग न करने दें, आवश्यक होने पर अपनी देखरेख में ही मोबाइल का उपयोग करने दिया जाए. बच्चों को साइबर अपराधों के प्रति भी जागरूक बनायें.
- शाम 8:00 बजे तक टीवी बंद कर दें। टीवी पर आठ बजे के बाद आपके बच्चे से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं होता है। बच्चों के लिए समय देना बहुत जरूरी है.
- अपने बच्चे की स्कूल डायरी और गृह कार्य देखने के लिए 30-45 मिनट निकालिए। उसके गृहकार्य पूरे कराइए। साथ ही समय समय पर स्कूल बैग और किताब-कापियों को देखना न भूलें.
- रोज सभी विषयों में उनका प्रदर्शन देखिए। उन विषयों का खास ध्यान रखिए जिसमें वह कमजोर है / अच्छा कार्य नहीं कर रहा है।
- उनकी बुनियादी शिक्षा भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इसलिए बच्चे को भविष्य के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रेरित करें.
- उन्हें सुबह जल्दी उठने की आदत डालिए 5:30 बजे तक बच्चों को उठाकर नित्यक्रम के बाद कुछ देर योग, मेडिटेशन व ध्यान लगाने के लिए प्रेरित करें।
- सोने के समय अपने बच्चों को पंचतंत्र, अकबर-बीरबल, तेनाली राम आदि की कहानी, किस्से और प्रेरक प्रसंग अवश्य सुनाइए।
- हर साल गर्मी की छुट्टी में (अपने बजट के अनुसार) कहीं घूमने जाइए। इससे वे अलग लोगों के साथ और अलग जगहों पर रहना सीखते हैं।
- अपने बच्चे की प्रतिभा का पता लगाइए और उसे इसे निखारने में सहायता कीजिए. वह किसी विषय, संगीत, खेल, अभिनय, चित्रांकन, नृत्य आदि में दिलचस्पी रख सकता है। इससे उसका जीवन आनंददायक हो जाएगा।
- उसे सीखाइए कि प्रदूषण फ़ैलाने वाली चीजों व प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए हर इतवार कोशिश कीजिए कि खाने की कोई ऐसी चीज बनाएं जो उन्हें पसंद है। उन्हें इसमें अपनी मदद करने के लिए कहिए।
- प्रत्येक बच्चे जन्म से वैज्ञानिक होते हैं उनके पास ढेरों सवाल होते हैं. मुमकिन है हम जवाब न दें पायें, पर जानकारी न होने के कारण हमें सवाल पर गुस्सा नहीं दिखाना चाहिए। उत्तर पता करने की कोशिश कीजिए औऱ उन्हें बताइए.
- उन्हें अनुशासन और जीने के बेहतर तरीकों के बारे में बताइए। सही गलत के बारे में समझाइए।
- अभिभावक स्वयं ऐसा कोई भी आचरण न करें जिसकी वे अपने बच्चे से अपेक्षा नहीं करते।
- स्कूल आते और घर लौटते समय यातायात के नियमों के पालन के लिए बच्चों को प्रेरित करें। बच्चों को यह अवश्य समझाएं की सड़क पर अव्यवस्थित झुण्ड बनाकर चलने के बजाय लाइन बनाकर अनुशाषित ढंग से चलें।
- बच्चे को अपने काम में सहायता करने के लिए कहिए। इसमें खाना बनाना, स्वच्छता व सफाई, चीजों को व्यवस्थित करना आदि शामिल है.
- बच्चों को नशीली बस्तुओं के सेवन से होने वाले बुरे परिणामों की जानकारी दें. अच्छी शिक्षा के साथ बच्चों को नशे की प्रवृति से बचाना अभिभावकों और शिक्षकों सहित आमलोगों का दायित्व होना चाहिए.
सुशील डोभाल, प्रवक्ता अर्थशास्त्र। |
- और सबसे
महत्त्वपूर्ण कि हमें अपने बच्चों को शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी देने चाहिए
ताकि वो जीवन में सफल और सही इन्सान बन सके।याद रखे की अच्छी शिक्षा प्राप्त करने
वाले अनेक लोग उच्च पदों पर तो आसीन हो जाते हैं किन्तु अच्छे संस्कारों के अभाव
में भ्रष्टाचार और अनैतिक कृत्यों में लिप्त हो जाते हैं. इसलिए अच्छी शिक्षा के
साथ अच्छे संस्कार बहुत जरूरी हैं.यदि ये पोस्ट सार्थक लगे तो शेयर करें और अपने सुझाव कमेन्ट बॉक्स में अवश्य पोस्ट करें. धन्यवाद!
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